नेशनल कंटेंट सेल
पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है. माना जा रहा है कि आइएसआइ के नये चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर ने इस हमले की योजना बनायी, जिसे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी नियुक्ति के समय से ही आइएसआइ चीफ मुनीर जम्मू-कश्मीर में किसी बड़ी घटना को अंजाम देना चाहते थे. इसके लिए वे किसी महत्वपूर्ण अवसर की तलाश में थे.
कश्मीर की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ मुनीर ने इसके लिए कुछ स्थानीय आतंकियों की मदद से इस घटना को अंजाम देने की ठानी. इसकी स्क्रिप्ट पाकिस्तान के कराची में लिखी गयी. खबरों के मुताबिक, पांच फरवरी को एक बैठक हुई जिसके बाद आतंकियों की सात टीमें भारत में घुसी. इसी बीच, मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने भी एक रैली में भारत पर हमले का एलान किया. दो महीने पहले पाक अधिकृत कश्मीर के कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर रहे अब्दुल रशीद गाजी भारत पहुंचा.
उसने ही इस हमले को अंजाम देने वाले आदिल अहमद डार को आइइडी ब्लास्ट की ट्रेनिंग दी. फरवरी के पहले हफ्ते में इस साजिश को अंजाम देने की बात हुई. लेकिन, तैयारियों में कुछ कमी और मौसम के कारण इसे नौ फरवरी को अफजल गुरु की छठी बरसी के लिए टाल दिया गया. लगातार खराब चल रहे मौसम के बीच नौ फरवरी को भी घटना को अंजाम देने की तारीख टल गयी. फिर, पूरी योजना और तैयारी के साथ इस आतंकी हमले को 14 फरवरी को अंजाम दिया गया जब सीआरपीएफ के जवानों का काफिला जम्मू-श्रीनगर हाइवे से गुजर रहा था.
पाक आर्मी चीफ बाजवा के चहेते अधिकारी हैं जनरल मुनीर
भारत की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने के कुछ दिन पहले ही लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के सेना मुख्यालय में तैनात हुए थे. आइएसआइ चीफ मुनीर को पाक आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा का वरदहस्त प्राप्त है और वह उनके पसंदीदा अधिकारियों में से एक हैं. मुनीर को जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक और रचनात्मक स्थिति का बहुत अच्छा ज्ञान है. उनकी इसी खूबी के कारण उन्हें आइएसआइ का चीफ बनाया गया. जानकारी के मुताबिक, जनरल मुनीर अपनी नियुक्ति के समय से ही कुछ करना चाह रहे थे. पाक आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा का चहेता बनने के लिए वह किसी अवसर की तलाश में थे.