अंबानी और माल्या को करोड़ों और किसानों को सिर्फ 3.5 रुपये, छत्तीसगढ़ में बोले राहुल

जगदलपुर (छत्तीसगढ़) : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कहते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है कि उसने अनिल अंबानी और विजय माल्या जैसे उद्योगपतियों को करोड़ों रुपये दिये, जबकि किसानों से महज साढ़े तीन रुपये प्रतिदिन देने का वादा किया है. राहुल गांधी यहां छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धुरगांव गांव में एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2019 11:42 AM

जगदलपुर (छत्तीसगढ़) : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कहते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है कि उसने अनिल अंबानी और विजय माल्या जैसे उद्योगपतियों को करोड़ों रुपये दिये, जबकि किसानों से महज साढ़े तीन रुपये प्रतिदिन देने का वादा किया है. राहुल गांधी यहां छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धुरगांव गांव में एक सभा को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का हवाला देते हुए कहा, ‘अनिल अंबानी, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या और ललित मोदी जैसे लोगों को लाखों-करोड़ों रुपये दिये गये, लेकिन किसानों को महज साढ़े तीन रुपये प्रति दिन मिलेंगे.’

इस योजना के तहत दो एकड़ तक की जमीन वाले किसानों को हर साल 6,000 रुपये मिलेंगे. गांधी ने कहा, ‘जब केंद्रीय बजट में किसानों के लिए 6,000 रुपये की घोषणा की गयी, तब लोकसभा में भाजपा सांसद मेज थपथपा रहे थे. क्या यह मजाक है?’

कांग्रेस अध्यक्ष ने वादा किया कि यदि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है, तो गरीबों को न्यूनतम आय गारंटी दी जायेगी और पैसा सीधे उनके बैंक खातों में डाला जायेगा. उन्होंने कहा, ‘सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने और हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने के (मोदी के) चुनावी वादे धरे रह गये.’

उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के फैसले ने आपको (बैंकों के बाहर) कतार में खड़ा कर दिया. आपने अनिल अंबानी, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या को कतार में खड़ा देखा! यदि यह कालेधन के खिलाफ संघर्ष था, तो सभी ईमानदार लोगों को लाइन में क्यों खड़ा होना पड़ा.’

बाद में एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एक और वादा पूरा किया. उन्होंने कहा, ‘आज बस्तर के किसानों के चेहरे पर चमक है. 11 साल बाद उन्हें जमीन वापस मिल रही है. आदिवासी किसानों से ये जमीन छीनकर ‘साहेब के मित्रों’ के लिए ‘लैंड बैंक’ में रखी गयी थी. इस फैसले में आदिवासी किसानों की आवाज है. मैं इसका स्वागत करता हूं.’

Next Article

Exit mobile version