गृह मंत्रालय ने कहा – कश्मीर में सड़क मार्ग से गुजरता रहेगा अर्ध सैनिक बलों का काफिला

नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में साजो-सामान पहुंचाने तथा अभ्यासगत कारणों से अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक है और इसलिए यह जारी रहेगा. हालांकि, मंत्रालय ने राज्य में सैनिकों को पहुंचाने के लिए हवाई सेवाएं बढ़ायीं हैं. मंत्रालय का यह बयान पुलवामा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2019 9:45 PM

नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में साजो-सामान पहुंचाने तथा अभ्यासगत कारणों से अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक है और इसलिए यह जारी रहेगा. हालांकि, मंत्रालय ने राज्य में सैनिकों को पहुंचाने के लिए हवाई सेवाएं बढ़ायीं हैं.

मंत्रालय का यह बयान पुलवामा में बृहस्पतिवार को सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद आया है. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे. ऐसी खबरें आ रही हैं कि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के जवानों को जम्मू-श्रीनगर सेक्टर से हेलीकॉप्टर के जरिये लाने ले जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसकी पृष्ठभूमि में मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों की यात्रा का समय कम करने के लिए उसने सभी सेक्टरों में एयर कुरियर सेवाओं को काफी बढ़ा दिया है. मंत्रालय ने कहा, साजो-सामान पहुंचाने तथा अभ्यासगत कारणों से अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक था और आगे भी रहेगा. सेना के साथ भी यही मामला है.

बयान में कहा गया कि मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें आयीं थीं कि सीआरपीएफ के जवानों के लिए जम्मू-श्रीनगर सेक्टर में हवाई पारगमन की सुविधा की इजाजत नहीं दी गयी है, जो कि सही नहीं है. बयान के अनुसार, तथ्य यह है कि पिछले कुछ वर्षों से गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ के लिए सभी सेक्टरों में एयर कुरियर सेवाओं को काफी बढ़ा दिया है, ताकि जवानों की घर जाने तथा लौटने के वक्त को घटाया जा सके. जम्मू कश्मीर सेक्टर में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफएस) के जवानों को लाने ले जाने के लिए एयर कुरियर सेवाएं पिछले कुछ समय से चल रहीं हैं. प्रारंभ में इसमें जम्मू-श्रीनगर-जम्मू सेक्टर को शामिल किया गया था. दिसंबर 2017 में सीएपीएफएस के अनुरोध पर इस सेवा को दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर-जम्मू-दिल्ली सेक्टर तक बढ़ा दिया गया था. एक सप्ताह में सात उड़ाने होती हैं. दिसंबर 2018 में मंत्रालय ने दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर-जम्मू-दिल्ली सेक्टरों के लिए मार्ग बढ़ा कर हवाई सहायता को बढ़ाने की मंजूरी दी थी.

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