इंदौर : लोकसभा अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सुमित्रा महाजन द्वारा अपनी परंपरागत सीट से फिर चुनावी दावेदारी के संकेत देने वाले बहुचर्चित बयान पर सियासी सरगर्मियां बढ़ने के बाद भाजपा की वरिष्ठ नेता ने रविवार को सफाई दी. महाजन ने अपने बयान का खुद उल्लेख करते हुए यहां भाजपा के एक कार्यक्रम में कहा, "मैं स्पष्ट कर रही हूं कि भाजपा में संगठन ही तय करता है कि कौन नेता चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं. हम भाजपा नेताओं के लिये हमारी पार्टी और इसका चुनाव चिन्ह कमल का फूल सर्वोपरि है."
भाजपा की 75 वर्षीया नेता ने कहा, "पत्रकारों ने कुछ दिन पहले मुझसे पूछा था कि क्या मैं शोभा ओझा और अर्चना जायसवाल जैसी कांग्रेस नेताओं को इंदौर लोकसभा सीट की चाबी सौंपूंगी ? इस सवाल पर मेरे जवाब का आशय यही था कि मैं इन कांग्रेस नेताओं को चाबी नहीं दूंगी, क्योंकि अभी हम (भाजपा) इस सीट की जिम्मेदारी संभालने के लिये खुद सक्षम हैं."
उन्होंने कहा, "अगर इंदौर की चाबी देने का समय आया, तो मैं भाजपा के ही किसी योग्य व्यक्ति के हाथों में यह चाबी सौंपूंगी." गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनावों में इंदौर सीट से फिर दावेदारी के बारे में पूछे जाने पर महाजन ने यहां हाल ही में अनौपचारिक बातचीत में मीडिया से कहा था, "इंदौर की चाबी उचित व्यक्ति को सही समय पर मिल जायेगी. अभी तो मैं यह चाबी अपने पास ही रखने की स्थिति में हूं. मैं अच्छे से चल-फिर और देख पा रही हूं तथा ठीक तरह सब (जिम्मेदारियां) संभाल रही हूं."
महाजन, इंदौर क्षेत्र की लोकसभा में वर्ष 1989 से लगातार नुमाइंदगी कर रही हैं. जब वह इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ी थीं, तब उन्होंने अपने तत्कालीन मुख्य प्रतिद्वंद्वी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाशचंद्र सेठी से कहा था कि "चूंकि इंदौर की बहू के रूप में वह चुनाव लड़ रही हैं. लिहाजा इस सीट की चाबी उन्हें सौंप दी जाये."
तब से "इंदौर की चाबी" का सियासी जुमला चल निकला था. बहरहाल, "इंदौर की चाबी" वाले महाजन के हालिया बयान के बाद भाजपा के स्थानीय खेमे में चुनावी हलचल बढ़ गयी थी. इस बयान को लेकर मध्यप्रदेश के खेल और युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने "ताई" के नाम से मशहूर भाजपा की वरिष्ठ नेता पर निशाना भी साधा था.
पटवारी ने यहां 11 फरवरी को मीडिया से कहा था, "ताई (महाजन) इंदौर की धरोहर हैं और अच्छी महिला हैं. पर इतिहास इस बात का गवाह है कि अगर कोई बुजुर्ग चाबी छोड़ने को तैयार नहीं होता है, तो उसके नाती-पोते उससे चाबी छीन लेते हैं. मेरा आपसे (महाजन) आग्रह है कि आप इंदौर की चाबी को लेकर ज्यादा लालच नहीं रखें."