Pulwama CRPF Attack शहीदों पर जज साहब बोले – कई मरते हैं, किस-किस का शोक मनाऊं
बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गमगीन है. सीआरपीएफ के काफिले पर हुए इस फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे. इस आंतकी हमले की जिम्मेदारी पाक के आतंकी संगठन जैश ए मौहम्मद ने ली है. इस घटना के बाद पूरे देश में पाक विरोधी लहर […]
बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गमगीन है. सीआरपीएफ के काफिले पर हुए इस फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे. इस आंतकी हमले की जिम्मेदारी पाक के आतंकी संगठन जैश ए मौहम्मद ने ली है. इस घटना के बाद पूरे देश में पाक विरोधी लहर तेज हो गयी है.
जहां, देश भर के लोग शहीद और उनके परिजनों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. क्या शहर, क्या गांव, जगह-जगह चौक चौराहों पर लोग मोमबत्तियां जलाकर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि दे रहे हैं. ऐसे में राजस्थान में सिरोही के स्पेशल कोर्ट के जज ने इस मामले पर बेतुका बयान दिया है. सिरोही के विशेष न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश राजेश नारायण शर्मा पर शहीदों पर विवादित टिप्पणी करने का बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है.
बताया जाता है कि पुलवामा अटैक के बाद सिरोही के स्पेशल कोर्ट में जिला अभिभाषक संघ की ओर से एक शोकसभा आयोजित की गयी. इसमें जज साहब को बुलाया गया,तो इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे कई मरते हैं. किस-किस का शोक मनाऊं. मेरा कोई शोक नहीं हैं. मैं नहीं आऊंगा.
जज राजेश नारायण शर्मा की इस विवादित टिप्पणी के बाद चैंबर में ही संघ के पदाधिकारी बहस करने लगे और इसे शहीदों का अपमान बताते हुए नाराजगी जाहिर की. यही नहीं, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और निरीक्षण न्यायाधिपति को पत्र लिखकर के उनपर उचित कार्रवाई की मांग की है.
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