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शहादत का बदला : मसूद अजहर का दाहिना हाथ और जैश ए-मोहम्मद का सेकेंड मैन था कामरान

पुलवामा के पिंगलान में रविवार की रात 12 बजे शुरू हुई मुठभेड़, 18 घंटे तक चली गोलीबारी श्रीनगर/पुलवामा : पुलवामा में 40 जवानों के शहादत का पहला बदला आखिरकार सुरक्षाबलों ने सोमवार को ले लिया. पुलवामा से 12 किलोमीटर दूर पिंगलान इलाके में सुरक्षाबलों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमले का मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के टॉप […]

पुलवामा के पिंगलान में रविवार की रात 12 बजे शुरू हुई मुठभेड़, 18 घंटे तक चली गोलीबारी
श्रीनगर/पुलवामा : पुलवामा में 40 जवानों के शहादत का पहला बदला आखिरकार सुरक्षाबलों ने सोमवार को ले लिया. पुलवामा से 12 किलोमीटर दूर पिंगलान इलाके में सुरक्षाबलों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमले का मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर अब्दुल रशीद काजी उर्फ कामरान को मार गिराया है.
गाजी को जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का दाहिना हाथ और आतंकी संगठन में सेकेंड मैन माना जाता था. अजहर उस पर बहुत ज्यादा भरोसा करता था. गाजी को कश्मीर में आतंकियों की भर्ती करने और उन्हें ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दी गयी थी. वह आइइडी के जरिये धमाके करने का एक्सपर्ट था.
मसूद अजहर के भतीजों तल्हा रशीद और उस्मान की मौत के बाद कामरान को घाटी में भेजा गया था. उस्मान की हत्या के फौरन बाद जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान जारी कर बदला लेने की बात कही थी.
कामरान दिसंबर, 2018 में घूसपैठ कर दक्षिण कश्मीर में घुसा था. वह पुलवामा, अवंतिपोरा और त्राल इलाके में सक्रिय था. त्राल के मिदूरा में पुलवामा हमले की योजना बनायी गयी थी. मसूद अजहर अपने भतीजे उस्मान और भांजे तल्हा रशीद के जरिये घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था.
अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा से 12 किमी दूर पिंगलान इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर रविवार की देर रात घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी.
मुठभेड़ रात करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुई और पूरी रात रुक-रुक कर फायरिंग होती रही. फिर सोमवार को दिनभर आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चली. यह मुठभेड़ 18 घंटे से ज्यादा चली. इस दौरान सुरक्षाबलों ने उस बिल्डिंग को ही उड़ा दिया, जिसमें आतंकी छिपे थे. इसमें कामरान समेत तीन आतंकी मारे गये.
गाजी पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. उसने ही सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले की साजिश रची थी और आदिल अहमद डार को प्रशिक्षण दिया था. दूसरे आतंकी की पहचान हिलाल अहमद के रूप में हुई है. वह पुलवामा का रहने वाला था.
मसूद अजहर के इशारे पर करता था काम
अब्दुल रशीद काजी उर्फ कामरान ने पाकिस्तान में बैठे अपने आका और जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के इशारे पर पुलवामा हमले को अंजाम दिया था. उसी ने ही हमले की पूरी साजिश रची और आत्मघाती हमलावर आदिल को हमले के लिए प्रशिक्षित किया था. कामरान को युद्ध तकनीक और आइइडी बनाने का प्रशिक्षण तालिबान से मिला था. उसे आइइडी स्पेशलिस्ट माना जाता है.
बुरहान बानी की मौत के बाद घाटी में फिर बढ़ा आतंकवाद
आठ जुलाई, 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर और पोस्टर ब्वॉय के रूप में प्रसिद्ध बुरहान वानी की मौत के बाद ही कश्मीरी युवाओं का रुख आतंकवाद की ओर तेजी से हुआ है. वानी की मौत के बाद 390 से अधिक युवा आतंकवादियों के संपर्क में आये, जिनमें से कई मारे गये. पिछले साल, 2017 में घाटी में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑल आउट शुरू किया था. दो साल मे इस ऑपरेशन के 488 आतंकी मारे गये हैं. 2017 में 218 और 2018 में 270 आतंकी मारे गये.
कश्मीर में ऑपरेशन-60 शुरू
पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में ऑपरेशन-60 शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें, तो घाटी में जैश के करीब 60 आतंकी सक्रिय हैं. इनमें से 35 आतंकी विदेशी हैं, जो पूरी तरह से हमले को तैयार हैं. सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद आतंकी अपने अड्डे बदल रहे हैं. कुछ आतंकियों को स्थानीय लोगों ने पनाह दी है.
स्थानीय आतंकियों की बढ़ती भागीदारी से सुरक्षाबल चिंतित
कश्मीर घाटी में स्थानीय आतंकियों की बढ़ती भागीदारी से सुरक्षाबल चिंतित हैं. मुठभेड़ में मारे जाने वाले अधिकतर आतंकी अब विदेशी नहीं, बल्कि स्थानीय युवक हैं. अभी तक मरने वाले विदेशी और स्थानीय नागरिकों का अनुपात 10:1 का होता था, जो अब 2:10 में बदल गया है.
इस साल पहली जनवरी से अब तक मारे गये 12 आतंकियों में 10 स्थानीय नागरिक थे. पिछले साल इसी अवधि में मरने वाले 12 में से 10 विदेशी नागरिक थे. इस साल सभी आतंकी कश्मीर के भीतर मारे गये हैं, जबकि पिछले साल एलओसी पर मारे गये थे. घाटी में एक बार फिर 1990 के दशक की स्थति बन रही है.

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