नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक निजी स्कूल के अंदर सात साल के लड़के की हत्या के आरोपी किशोर को वयस्क के रूप में जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से गुहार लगाने की अनुमति दे दी.
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का पिछले साल 11 अक्तूबर का फैसला आरोपी की जमानत याचिका पर निर्णय करने में अदालत के आड़े नहीं आएगा.
सुनवाई की शुरुआत में, मृतक के पिता बरुण चंद्र ठाकुर की ओर से पेश अधिवक्ता सुशील टकरीवाल ने इस याचिका का विरोध किया और कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार गुरुग्राम किशोर न्याय बोर्ड को इस संबंध में नये सिरे से विचार करना है कि किशोर के खिलाफ इस मामले में वयस्क के रूप में सुनवाई होनी चाहिए या नहीं.
टकरीवाल ने कहा कि इसके बाद ही उसे इस मामले में जमानत दी जा सकती है. किशोर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि जमानत याचिका उच्च न्यायालय में दायर हो चुकी है और वह विचाराधीन है.
पीठ ने कहा कि उचित रहेगा कि उच्च न्यायालय किशोर को वयस्क मानते हुए कानून के अनुसार जमानत के आवेदन पर फैसला सुनाए. पिछले साल 19 नवंबर में शीर्ष अदालत ने जेजेबी के सामने कार्यवाही यथास्थिति रखने का आदेश दिया था.
जेजेबी को इस संबंध में नये सिरे से विचार करना है कि किशोर आरोपी के खिलाफ इस मामले में वयस्क के तौर पर सुनवाई हो सकती है या नहीं.