काले धन को छिपाने की नयी तकनीक

नयी दिल्ली: कालाधन के खिलाफ जंग में भारत का सहयोग करने की स्विट्जरलैंड की प्रतिबद्धता के बीच यह तथ्य सामने आया है कि स्विस बैंक में जमा धन के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान छिपाने के लिए ऐसे धन को सोने और हीरे के व्यापार की कमाई का मुलम्मा चढाने की रणनीति अपनायी जा रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2014 6:55 PM

नयी दिल्ली: कालाधन के खिलाफ जंग में भारत का सहयोग करने की स्विट्जरलैंड की प्रतिबद्धता के बीच यह तथ्य सामने आया है कि स्विस बैंक में जमा धन के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान छिपाने के लिए ऐसे धन को सोने और हीरे के व्यापार की कमाई का मुलम्मा चढाने की रणनीति अपनायी जा रही है.

इन बैंकों में जमा काले धन के पीछे के वास्तविक व्यक्तियों के ग्राहकों की पहचान छिपाने के लिए हीरा व्यापार, सोने व अन्य आभूषणों का निर्यात, शेयर बाजार के सौदे एवं नई पीढी की वचरुअल मुद्रा के जरिए धन हस्तांतरण जैसे तरीके अपनाए जा रहे हैं.

ऐसे समय में जब स्विस बैंकों में भारतीयों के कालेधन जमा करने को लेकर स्विट्जरलैंड सरकार पर कार्रवाई करने का भारी दबाव है, स्विट्जरलैंड के सरकारी आंकडों से पता चलता है कि यह यूरोपीय देश भारत को सोने का निर्यात करने वाला एक प्रमुख केंद्र बन गया है. इस साल के शुरुआत से यहां से भारत के साथ करीब 6 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 40,000 करोड रुपये) मूल्य के सोने का व्यापार हुआ है.

सरकारी एवं बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक, इस बात का संदेह बढ रहा है कि स्विस बैंकों से भारत एवं अन्य स्थलों में धन पहुंचाने के लिए सोना और हीरा व्यापार का इस्तेमाल किया जा रहा है.इसके साथ ही स्विट्जरलैंड स्थित बैंक अपने ग्राहकों से यह शपथ पत्र ले रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के संबंध में किसी भी संभावित नियामकीय या प्रशासनिक अनुपालन की जिम्मेदारी उनकी (ग्राहकों की) होगी.

हाल में ही स्विट्जरलैंड के एक अधिकारी ने कहा था कि स्विट्रलैंड की सरकार ‘‘सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान: की व्यवस्था के तहत वह भारत के साथ कालेधन के मामले में सहयोग को तैयार है. लेकिन इस यूरोपीय देश की सरकार इस बात पर अडी है कि वह किसी चुराई सूचना के आधार पर सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं कर सकती है.

Next Article

Exit mobile version