नयी दिल्लीः साई पूजा को लेकर बढ़ता विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शंकराचार्य स्वरूपानंद और उमा भारती के बयानों के बीच अब आरएसएस ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. आरएसएस ने स्पष्ट रुप से कहा है कि साई की पूजा करने में कोई परेशानी नहीं है. आरएसएस खुलकर उमा के पक्ष में उतर गया है उन्होंने कड़े शब्दों में कहा है कि स्वामी स्वरूपानंद की हैसियत ही क्या है जो वो उमा भारती का इस्तीफा मांग रहे हैं. आरएसएस नेता एमजी वैद्य ने कहा कि मेरे हिसाब से ये विवाद निरर्थ है, जिसको लगता है कि साईं की पूजा करनी चाहिए उसको करनी चाहिए. जिसको नहीं लगता, ना करें,
अब यह विवाद महज शंकराचार्य और साई से आगे बढ़ चुका है. विवाद की शुरुआत 24 जून को हुई जब शंकराचार्य स्वरूपानंद सरवस्ती ने साई पूजा को गलत बताया था. साई पूजा पर खुलकर बयान देने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. हरिद्वार में संत समाज की बैठक हो रही है. तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में साई पूजा पर भी चर्चा जोरों पर है.
इस विवाद ने आग में घी डालने का काम तब किया जब उमा भारती ने साई पूजा को सही बताया उन्होंने तर्क दिया कि किसी की पूजा करने से कोई रोक नहीं सकता. बात आस्था की हो तो सोच समझकर बयान देना चाहिए लोग मां- पिता, अतिथि, गुरु तक को भगवान मानते हैं. इस बायन से शंकराचार्य बेहद नाराज हो गये. द्वारिका पीठ शंकराचार्य स्वरूपानंद ने कहा, ‘उमा भारती राम भक्त नहीं हैं. वह मुसलमान की पूजा करती हैं. साईं मुसलमान थे.’
उमा भारती ने कहा है कि वह विवाद नहीं बढ़ाना चाहतीं, इसलिए कुछ नहीं कहेंगी. उमा भारती ने चिट्ठी लिखकर शंकराचार्य को जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है कि वह संत परंपरा का बहुत आदर करती हैं और भगवान मानना किसी का भी निजी मामला है. अब साई पूजा का विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है. इस मुद्दे में हर दिन कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है. तीन दिनों तक चलने वाली संत समाज की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले इस संबंध में लिए जा सकते हैं.