एक मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे केजरीवाल कहा, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाकर मानेंगे
नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक मार्च से अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल पर बैठने वाले हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, हम एक मार्च से भूख हड़ताल पर बैठेंगे और तबतक पीछे नहीं […]
नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक मार्च से अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल पर बैठने वाले हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, हम एक मार्च से भूख हड़ताल पर बैठेंगे और तबतक पीछे नहीं हटेंगे जबतक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती है. लोकतंत्र पूरे देश में है लेकिन दिल्ली में नहीं. जनता वोट देती है और सरकार चुनती है लेकिन सरकार के पास कोई पावर नहीं है. हम लोकतंत्र स्थापित करने के लिए यह आंदोलन करेंगे. मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगा, जबतक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, अगर हमारे पास अधिकार ही नहीं है, तो हम सरकार कैसे चलायेंगे?. मुख्यमंत्री एक चपरासी का भी तबादला नहीं कर सकता. जिस पार्टी को जनता ने नकार दिया जिसकी मात्र तीन सीट है, उसके पास सारी ताकत है. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा ना दिये जाने पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को घेरने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, 70 साल से दिल्ली के लोग कह रहे हैं कि हमें पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए. कांग्रेस ने कहा वे पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे लेकिन केंद्र में भी सरकार होने पर उन्होंने पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया. मोदी जी ने ख़ुद आकर दिल्ली के लोगों को कहा था कि सातों सीट मिल जाने पर वो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वो भूल गए.
अब अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अनशन करेंगे. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में बनने के बाद से ही सरकार और उपराज्यपाल के बीच फैसले को लेकर तनातनी बनी रही. केजरीवाल ने कई बार उपराज्यपाल पर सरकार के फैसले की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की शक्तियां क्या है ?. उपराज्यपाल कौन – कौन से फैसले ले सकता है और दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास क्या शक्तियां है, इसे लेकर मामला कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री के पास क्या अधिकार हैं और उपराज्यपाल क्या कर सकता है . जस्टिस सीकरी ने अपने फैसले में कहा था एसीबी केंद्र सरकार के अधीन है, उन्होंने कहा कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों की पोस्टिंग-ट्रांसफर एलजी के अधिकार क्षेत्र में हैं और अन्य अधिकारी दिल्ली सरकार के अधीन आते हैं. साफ है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग अब सड़क पर लड़ी जायेगी.