पुलवामा हमले में षड्यंत्र की जांच की मांग करने वाली याचिका खारिज
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के पीछे के कथित बड़े षड्यंत्र की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी . प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ वकील विनीत धांडा की ओर से दायर जनहित याचिका […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के पीछे के कथित बड़े षड्यंत्र की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी . प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ वकील विनीत धांडा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. धांडा ने हमले के पीछे के व्यापक षड्यंत्र की जांच का अनुरोध किया था. हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं. जनहित याचिका में कहा गया है कि हमले में करीब 370 किलोग्राम आरडीएक्स का उपयोग हुआ था और इसकी विस्तृत जांच किए जाने की जरूरत है.
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान दबाव में है. युक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा की. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. रतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा आतंकी हमले की एक हफ्ते बाद भले ही कड़े शब्दों में निंदा की हो, पर चीन ने इसे रोकने की पूरी कोशिश की थी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि आतंकवाद के जिक्र को लेकर अकेले चीन के विरोध के कारण पुलवामा हमले पर 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के बयान में एक सप्ताह की देरी हुई.
बताया जा रहा है कि जहां चीन पुलवामा आतंकी हमले पर यूएनएससी के बयान की विषयवस्तु को कमजोर करना चाहता था, वहीं पाकिस्तान ने पूरी कोशिश की थी कि यह जारी ही नहीं हो. इस दौरान अमेरिका ने पूरी ताकत झोंक दी थी, जिससे इस पर परिषद के सभी सदस्यों की मंजूरी मिल सके.