श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को खत्म करने का एकमात्र रास्ता बातचीत ही है और इस्लामाबाद को अपनी भूमि पर आतंकवाद खत्म करने के लिए मजबूत प्रयास करने चाहिए. नेकां प्रमुख ने कहा, मैं खुश हूं कि (पाकिस्तानी प्रधानमंत्री) इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री और सुषमा स्वराज से मिलने के लिए अपने प्रतिनिधि को भेजा था. मुझे उम्मीद है कि युद्ध उन्माद जो बनाया जा रहा है, वह मंद पड़ जायेगा.
अब्दुल्ला ने यहां नेकां मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, युद्ध उन्माद पैदा किये जाने के प्रयास हैं. हमें युद्ध से बचाने के लिए आपको ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए. चार युद्ध हुए हैं, लेकिन जानमाल के नुकसान के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, केवल बातचीत के जरिये ही रास्ता निकल सकता है और पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करने का प्रयास करना चाहिए और उसे ऐसा गंभीरता के साथ करना चाहिए. उन्होंनें कहा कि यदि वह ऐसा नहीं करता है तो इस देश (पाकिस्तान) पर एक आतंकवादी देश का तमगा लग जायेगा जिससे उसके लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
अब्दुल्ला ने पाकिस्तानी सांसद राजेश कुमार वांकवानी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक को लेकर खुशी जाहिर की. नेकां प्रमुख ने कहा, मैं खुश हूं कि (पाकिस्तानी प्रधानमंत्री) इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री और सुषमा स्वराज से मिलने के लिए अपने प्रतिनिधि को भेजा था. मुझे उम्मीद है कि युद्ध उन्माद जो बनाया जा रहा है, वह मंद पड़ जायेगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान में सत्ताधारी इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद रमेश कुमार वंकवानी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी.
मुलाकात के बाद एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार से बात करते हुए वंकवानी ने कहा, मैंने भारतीय नेताओं को एक सकारात्मक संदेश दिया है और मुझे उम्मीद है कि उनके व्यवहार में बदलाव आयेगा. वंकवानी ने विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह से भी मुलाकात की थी. सिंह भारतीय सेना के पूर्व अध्यक्ष हैं. सिंध के पीटीआई नेता अल्पसंख्यक सीट से सांसद हैं. वह 185 देशों के 220 सदस्यीय शिष्टमंडल के हिस्से के तौर पर भारत आये थे. यह शिष्टमंडल भारत सरकार के निमंत्रण पर कुंभ मेले में हिस्सा लेने आया था. उनकी भारत यात्रा 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी के फिदाई हमले के मद्देनजर दोनों मुल्कों के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में हुई. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में बल के 40 कर्मी शहीद हो गये थे.
अखबार की खबर के मुताबिक, वंकवानी ने कहा कि वह मोदी से एक कार्यक्रम में मिले और भारतीय प्रधानमंत्री ने उनसे गर्मजोशी से मुलाकात की. सांसद ने बताया कि उन्होंने मोदी से कहा कि वह सकारात्मक संदेश के साथ आये हैं और सकारात्मक संदेश के साथ लौटना चाहते हैं. इसके बाद मोदी के निर्देश पर, स्वराज ने उनके साथ 25 मिनट की बैठक की. वंकवानी के हवाले से अखबार ने कहा, मैंने भारतीय विदेश मंत्री से कहा कि पाकिस्तान में अब (इमरान खान की) सरकार है. वह पठान हैं और वह जो कहते हैं वो करते हैं. हम आपको आश्वस्त करते हैं कि कोई भी पाकिस्तानी संस्थान पुलवामा हमले में शामिल नहीं था. अगर भारत सबूत मुहैया कराता है तो हम जांच करायेंगे.
पीटीआई नेता के मुताबिक, उन्होंने स्वराज से कहा कि दोनों देशों को अतीत से सबक सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, दुश्मन को दोस्त बनाकर दुश्मनी को खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा वह खुद गंगा स्नान करके लौट रहे हैं और कभी झूठ नहीं बोलते हैं. समाचार पत्र ने वंकवानी के हवाले से कहा, मैंने उनसे कहा कि हमें सियासी इल्जामों से निकलने की जरूरत है. उन्होंने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री ने राजस्थान में रैली के दौरान पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के संकेत दिये हैं.