नयी दिल्ली : भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों ने मंगलवार को तड़के नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर, पाकिस्तानी हिस्से में कई आतंकी शिविरों पर बम गिराये और जैश-ए-मोहम्मद के कैंप को तबाह कर दिया. भारत द्वारा पाकिस्तान की सरहद में घुसकर किये गये इस कार्रवाई में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की खबर है. भारत के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकाने को ध्वस्त कर दिया गया. इस हमले में जैश सरगना मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर के भी मारे जाने की खबर आ रही है. यहां चर्चा कर दें कि यूसुफ कंधार विमान अपहरण में भी शामिल था.
यदि आपको याद हो तो कंधार में भारतीय यात्रियों के बदले ही आतंकी मसूद अजहर को भारत ने छोड़ा था. भारत के द्वारा यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद द्वारा किये गये आत्मघाती हमले के ठीक 12 दिन बाद की गयी है. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी.
मंगलवार को भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को तड़के सीमापार स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर बड़ा एकतरफा हमला किया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गये. विदेश सचिव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के बालाकोट में मौजूद सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर खुफिया सूचनाओं के बाद की गई यह कार्रवाई जरूरी थी क्योंकि आतंकी संगठन भारत में और आत्मघाती हमले करने की साजिश रच रहा था.
सूत्रों नेबताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को मंगलवार को तड़के चलाए गए अभियान के बारे में बताया. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमले कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में स्थित बालाकोट में किये गये या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में किये गये. गोखले ने यह भी नहीं बताया कि यह हमला कैसे किया गया. साथ ही उन्होंने सूत्रों द्वारा पूर्व में दी जा रही इस खबर की पुष्टि भी नहीं की कि अभियान में बम गिराने के लिए मिराज विमानों का इस्तेमाल किया गया.
विदेश सचिव ने संवाददाताओं को बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि 12 दिन पहले पुलवामा हमले को अंजाम देने के बाद जैश ए मोहम्मद भारत में और आत्मघाती आतंकी हमले करने की साजिश रच रहा है. इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. गोखले ने कहा कि आसन्न खतरे को देखते हुए, एकतरफा कार्रवाई ‘‘अत्यंत आवश्यक’ थी. उन्होंने कहा कि इस जानकारी के बाद सीमा के दूसरी ओर जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर हमले किये गये.
पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे मीडिया को संबोधित कर रहे गोखले ने कहा कि कुछ समय पहले अभियान चलाया गया और विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा की जा रही है. उन्होंने बताया ‘‘अभिायन में बहुत बड़ी संख्या में जैश के आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और जिहारी मारे गये जिन्हें फिदायीन हमलों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था.’ गोखले ने बताया कि यह आतंकी शिविर बालाकोट में घने जंगल में, एक पहाड़ी पर, नागरिक बहुल इलाकों से दूर था और इसकी अगुवाई मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था जो जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का रिश्तेदार था. बयान में यह नहीं कहा गया है कि क्या मरने वाले आतंकियों में यूसुफ अजहर भी शामिल है.
विदेश सचिव ने कहा ‘‘भारत सरकार आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने की खातिर दृढ़ एवं पूरी तरह प्रतिबद्ध है. ‘ उन्होंने कहा ‘‘उन्होंने कहा कि नागरिकों को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे, इसके लिए हमने इस लक्ष्य को चुना.’ गोखले ने कहा ‘‘भारत की पाकिस्तान से अपेक्षा है कि वह जैश ए मोहम्मद सहित सभी आतंकी शिविरों को नष्ट करेगा.’ उन्होंने कहा ‘‘भारत पाकिस्तान से बार बार अनुरोध करता रहा है कि जिहादियों को प्रशिक्षण तथा हथियार मुहैया कराये जाने के लिए वह जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करे. लेकिन पाकिस्तान ने अपने यहां मौजूद आतंकियों की अवसंरचना को नष्ट करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए.’
इससे पहले, सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर, पाकिस्तानी हिस्से में, आतंकी शिविरों पर बम गिराये. उन्होंने कहा कि जेट विमानों ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी में स्थित आतंकी शिविरों पर बम गिराये. बहरहाल, इन खबरों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है.
गोखले ने मिराज 2000 जेट विमानों का जिक्र नहीं किया लेकिन कहा कि बालाकोट में केवल एक ही शिविर को निशाना बनाया गया. बयान में गोखले ने कहा कि जैश ए मोहम्मद पिछले दो दशक से पाकिस्तान में सक्रिय है. इसका मुख्यालय पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में है. उन्होंने कहा कि जैश ए मोहम्मद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है. यह गुट दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले और जनवरी 2016 में पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हुए हमले सहित कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है.
विदेश सचिव ने कहा ‘‘पाकिस्तान को समय समय पर उसके यहां और कश्मीर के, पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में मौजूद आतंकी शिविरों, प्रशिक्षण शिविरों के ठिकानों की जानकारी दी गयी. लेकिन पाकिस्तान उनकी मौजूदगी से इंकार करता रहा.’ उन्होंने कहा कि इन आतंकी शिविरों में इतने बड़े पैमाने पर जेहादियों को प्रशिक्षण देना बिना पाकिस्तानी प्राधिकार की जानकारी के संभव नहीं था. पाकिस्तान को बार बार इन आतंकी ठिकानों के बारे में जानकारी दी गयी और कार्रवाई करने को कहा गया. लेकिन वह इंकार करता रहा.
गोखले ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने 2004 के संकल्प पर अमल करेगा कि वह भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिये अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा.