रॉ ने तय किये थे छह ठिकाने, सात लोगों को थी जानकारी
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद देश की एजेंसियों और विभागों में कई वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि भारत पुलवामा हमले का जवाब देगा. सूत्रों के मुताबिक, हमले के तुरंत बाद भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) को […]
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद देश की एजेंसियों और विभागों में कई वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि भारत पुलवामा हमले का जवाब देगा. सूत्रों के मुताबिक, हमले के तुरंत बाद भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) को पाकिस्तान में लक्ष्य तलाशने के लिए कहा गया. रॉ ने जवाब में छह लक्ष्यों के नाम बताये जिसमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को तबाह करना टॉप पर था. लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया.
योजना में बदलाव के बाद बालाकोट को लक्ष्य बनाया गया. सूत्रों के मुताबिक, मानेसरा जिले में स्थित बालाकोट कैंप में बहावलपुर और मुरिदके की तुलना में कम आबादी रहती है और यहां पर हमले में आम लोगों के हताहत होने की संभावना भी काफी कम थी. साथ ही, बालाकोट कैंप एक पहाड़ी पर बनाया गया था और एयर स्ट्राइक से आम लोगों की जान-माल को खतरा कम था.
18 फरवरी को पीएम मोदी ने इस हमले को मंजूरी दे दी. खुफिया अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले के बारे में केवल सात लोगों को पता था- पीएम मोदी, एनएसए अजित डोभाल, तीनों सैन्य प्रमुख और रॉ व इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख.
22 फरवरी से वायु सेना ने पाकिस्तानियों को भ्रमित करने के लिए विभिन्न सीमावर्ती ठिकानों से रात को उड़ानें भरनी शुरू कर दी. 25 फरवरी को खुफिया जानकारी मिली की बालाकोट कैंप में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के 300-350 के बीच आतंकवादी मौजूद हैं. उसी शाम को तुरंत हमले का निर्णय लिया गया.
भारतीय वायुसेना ने अपने ऑपरेशन को बेहतर तरीके से दिया अंजाम
03 जगहों से घेरा था भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करने के लिए पाक वायुसेना को
02 फाइटर जेट लाहौर-स्यालकोट बॉर्डर के आसपास उड़ते रहे
01 विमान ने ओकारा-बहावलपुर सेक्टर पर पाक वायुसेना को उलझाया
01 जेट पाक अधिकृत सीमा केरान-अथामुकम बॉर्डर पर उड़ता रहा
इसी कैंप पर हुआ था हमला
हमले में मारा गया मसूद अजहर का साला, दूसरी तस्वीर में बालाकोट का आतंकी प्रशिक्षण शिविर जो तबाह हो गया.