….जब चीन भी हटा पिछे, कहा, युद्ध में कोई उम्मीद न करे पाक, जानें अन्‍य देशों ने पाक को क्‍या दिया सबक

‘सैनिक कार्रवाई की बात भूल जाओ, आतंकी संगठनों को तुरंत करो बंद’ अमेरिका ने भारत द्वारा की गयी कार्रवाई पर कहा है कि भारत को आत्मरक्षा करने का अधिकार है और उसे कोई नहीं छीन सकता. रूस ने भी भारत को हरसंभव सहायता देने की बात कही है. ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने भी कहा है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2019 7:28 AM
‘सैनिक कार्रवाई की बात भूल जाओ, आतंकी संगठनों को तुरंत करो बंद’
अमेरिका ने भारत द्वारा की गयी कार्रवाई पर कहा है कि भारत को आत्मरक्षा करने का अधिकार है और उसे कोई नहीं छीन सकता. रूस ने भी भारत को हरसंभव सहायता देने की बात कही है. ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने भी कहा है कि पुलवामा हमले पर वह भारत के साथ हैं.
आतंकवाद के मुद्दे पर ब्रिटेन भारत के साथ खड़ा है. इधर, भारत के पुराने सहयोगी रूस ने भी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किये जाने और उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. दूसरी ओर, भारत के दौरे पर आये सऊदी अरब के क्राऊन प्रिंस ने भी कहा कि आतंकवाद को लेकर हमारी सोच एक है. हम अपने दोस्त भारत को कहना चाहते हैं कि हम हर फ्रंट पर उसका साथ देंगे.
अमेरिका
पाकिस्तान को दी नसीहत
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने बयान जारी कर कहा कि दोनों देश सीधे संवाद को प्राथमिकता दें और किसी भी सैन्य कार्रवाई को नजरअंदाज करें. पाकिस्तान को नसीहत देते हुए पोम्पियो ने कहा कि मैंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की और उनसे किसी भी सैन्य कार्रवाई को भूल जाने को कहा. उन्होंने कुरैशी को से बचते हुए वर्तमान तनाव को कम करने की प्राथमिकता पर ध्यान देने को कहा. साथ ही, पाकिस्तान को अपनी जमीन पर चल रहे आतंकी संगठनों को बंद करने को भी कहा गया.
भारत की तरफ से 26 फरवरी को की गयी आतंक विरोधी कार्रवाई का समर्थन करते हुए उन्होंने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सुरक्षा सहयोग और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाये रखने के लक्ष्य पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि टकराव को किसी भी कीमत पर टाला जाना चाहिए. दोनों देश सीधे संवाद को प्राथमिकता दें और सैन्य कार्रवाई को नजरअंदाज करें.
चीन
युद्ध में कोई उम्मीद न करे पाक
चीन द्वारा अपने लिए सहानुभूति और समर्थन नहीं मिलने पर पाकिस्तान में निराशा का माहौल है. चीनी विदेश मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक, बीजिंग इस्लामाबाद को यह साफ कर देना चाहता है कि पाकिस्तान भारत के साथ होने वाले किसी भी तरह के युद्ध में चीन से किसी सहायता की उम्मीद नहीं करे, हमारा सहयोग सिर्फ इकोनॉमिक डेवलपमेंट तक ही सीमित है. इधर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन यात्रा पर हैं. वे रूस-इंडिया-चीन की साझा बैठक में हिस्सा ले रही हैं.
पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश में सुषमा ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक में पुलवामा हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला था. पाकिस्तान से चलने वाले जैश-ए-मोहम्मद और उसके समर्थित आतंकी संगठनों ने यह हमला किया था. आत्मरक्षा के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी.
रूस
मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित हो
रूस के मंत्री डेनिस मंतुरोव ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाये और उस पर प्रतिबंध लगाया जाये. डेनिस ने यह भी कहा कि हम पुलवामा की घटना को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक ने कहा कि भारत और ब्रिटेन दोनों आतंकवाद से पीड़ित हैं. इस कारण पिछले हफ्ते भारत के कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, उसका हमें अपार दुख है.
फ्रांस
मार्च में मसूद को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव
वीटो प्राप्त शक्तियों के साथ यूएन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य फ्रांस आतंकी मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है और यह बहुत जल्द तैयार कर लिया जायेगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मार्च में अध्यक्षता मिलने के बाद के बाद फ्रांस इस प्रस्ताव को प्रतिबंध समिति के समक्ष रख सकता है. आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ तैयार किये जा रहे इस प्रस्ताव को प्रतिबंध समिति के समक्ष मार्च में लाया जायेगा.

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