घुसपैठियों की पहचान की पहचान प्रक्रिया तेज,भारतीयों के लिए जारी होगा एनपीआर कार्ड

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घुसपैठियों की पहचान की पहचान प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिये हैं. सिंह ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) बनाने के लिए अधिकारियों को तीन साल का वक्त दिया है. सरकार चाहती है कि देश में घर-घर जाकर वेरिफिकेशन किया जाये और सिर्फ भारतीयों को एनपीआर कार्ड जारी किये जायें. इंडियन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2014 7:27 AM

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घुसपैठियों की पहचान की पहचान प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिये हैं. सिंह ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) बनाने के लिए अधिकारियों को तीन साल का वक्त दिया है. सरकार चाहती है कि देश में घर-घर जाकर वेरिफिकेशन किया जाये और सिर्फ भारतीयों को एनपीआर कार्ड जारी किये जायें. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनपीआर वोट के लिए अनिवार्य हो सकता है.

गृह मंत्री मंगलवार (एक जुलाई) को इस संबंध में एक बैठक करेंगे. इसी दौरान तय होगा कि प्रोजेक्ट पर काम कहां से और कब शुरू होगा. सिंह ने 19 जून को भारत के रजिस्ट्रार जनरल से एनपीआर प्रोजेक्ट में तेजी लाने को कहा था. अधिकारी वर्ष 2011 के जनगणना आंकड़ों के आधार पर काम करेंगे. लोगों को अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए 16 तरह के तय दस्तावेजों में से कोई एक दिखाना होगा. इन दस्तावेजों का जिक्र 1955 के सिटीजनशिप एक्ट में किया गया है. यह एक बड़ा अभियान होगा और पूरी प्रक्रिया तहसील दफ्तर संपन्न होगी. यहां रेवेन्यू अफसर हर जिले में वेरिफिकेशन की प्रक्रि या पर नजर रखेंगे.

* एनडीए से एनडीए तक : वर्ष 2003 में एनडीए सरकार ने इसकी परिकल्पना की थी. यूपीए सरकार के कार्यकाल में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, लेकिन 2010 में यूपीए ने इस पर काम शुरू किया. नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सरकार का रवैया बिल्कुल साफ है. हमें भारतीय नागरिकों और अवैध शरणार्थियों की पहचान करनी है. हालांकि, कुछ संगठनों ने कहा कि छह अक्तूबर, 2011 को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मोदी ने इसका विरोध किया था.

– ड्राइविंग लाइसेंस क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जारी करता है

* आधिकारिक रूप से दो दिन में बन जाना चाहिए

* बनने में दो दिन से दो सप्ताह तक का समय लगता है

पैन कार्ड वित्त मंत्रालय द्वारा जारी करता है. कर अदायगी का पता लगाने के लिए बनाया जाता है. वित्तीय लेन-देन में भी काम आता है.

* 15 दिन में बन जाना चाहिए

* तीन से पांच सप्ताह का समय लग जाता है

पासपोर्ट विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है

विदेश यात्रा करने के लिए बनाया जाता है. बैंक खाता खोलते समय एड्रेस प्रूफ (निवास का पता) माना जाता है.

* आधिकारिक रूप से तीन दिन में बन जाना चाहिए

* बनने में चार दिन से दो माह तक का समय लगता है

आधार कार्ड योजना आयोग के मातहत काम कार्यरत यूएडीएआइ द्वारा जारी किया जाता है

यूपीए सरकार की इस योजना का मकसद जनवितरण प्रणाली (पीडीएस), बैंक खाता खोलने, हवाई जहाज या रेल का टिकट कटाने, रसोई गैस के कनेक्शन आदि के लिए इसे अनिवार्य करना था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी.

* आधिकारिक रूप से दो-तीन महीने में बन जाना चाहिए

* तीन महीने से अधिक का समय लग जाता है. इसे लोगों के घर तक पहुंचाने की बात थी, लेकिन कई बार बड़ी संख्या में आधार कार्ड कूड़े के ढेर में मिले

राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है. राशन दुकानों से आवश्यक सामग्री की खरीदारी के लिए बनाया जाता है. पहचान पत्र का भी काम करता है

* अधिकृत रूप से 10 दिन में बनना चाहिए

* छह महीने से दो साल तक लग जाते हैं बनने में

मतदाता पहचान पत्र चुनाव आयोग जारी करता है. 18 साल की उम्र के लोगों को यह मतदान का अधिकार देता है. बैंक खाता खोलने, फोन या गैस का कनेक्शन लेने में मददगार साबित होता है

* अधिकृत रूप से 10 दिन में बन जाना चाहिए

* छह से 15 दिन लग जाते हैं बनने में

राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (एनपीआर) गृह मंत्रालय जारी करता है.

सरकारी योजनाओं का संपूर्ण लाभ लोगों तक पहुंचाने और राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से इसे बनाया जा रहा है. इसके लिए कोई विशिष्ट मानक नहीं है. सरकार पूर्ववर्ती सरकार की आधार योजना पर इसे वरीयता दे रही है.

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