बेंगलुरु : कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन को झटका देते हुए कांग्रेस के बागी विधायक उमेश जाधव ने सोमवार को विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार को अपना इस्तीफा सौंप दिया. ऐसी खबरें हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
राज्य में जद (एस) कांग्रेस गठबंधन सरकार को अपदस्थ करने की धमकी देनेवाले रमेश जरकिहोली की अगुवाईवाले विद्रोही धड़े के जाधव कलबुर्गी जिले में चिनचोली से दो बार विधायक रह चुके हैं. यह क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ माना जाता है. सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. जाधव के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह बुधवार को भाजपा में शामिल होना चाहते हैं. ऐसी खबरें हैं कि भाजपा जाधव को लोकसभा चुनाव में कलबुर्गी सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता खड़गे के खिलाफ खड़ा करने पर विचार कर रही है.
खबरों के मुताबिक, जाधव सामाज कल्याण मंत्री प्रियांक खड़गे के निरंकुश तरीके से नाखुश थे. प्रियांक मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं. जाधव उन चार विधायकों में शामिल हैं जिनके भाजपा के संपर्क में होने की खबरें आ रही थी. कांग्रेस ने पिछले महीने हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अनुपस्थित रहने पर विधानसभा अध्यक्ष से जाधव और तीन अन्य बागियों रमेश जरकिहोली, बी नागेंद्र और महेश कुमाथली के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था. जाधव के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह बुधवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं. विधायक के पार्टी छोड़ने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा कि जाधव पार्टी के प्रति वफादार रहने का वादा करके नौटंकी कर रहे थे.
राव ने संवाददाताओं से कहा, उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि वह आज जो कुछ भी हैं कांग्रेस के कारण हैं. कोई भी आ और जा सकता है, लेकिन पार्टी हमेशा बनी रहेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के अन्य विधायक पार्टी के साथ बने हुए हैं. केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खांडरे ने कहा कि जाधव ने पार्टी छोड़ कर अपना कैरियर बर्बाद कर लिया है क्योंकि अध्यक्ष ने अभी तक उन्हें अयोग्य ठहराने के मामले में निर्णय नहीं लिया है. खांडरे ने कहा, एक बार अयोग्य होने पर वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.