”मसूद अजहर के भाई और बेटे समेत 44 आतंकियों को महफूज कर रहा पाकिस्तान”
नयी दिल्ली : पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के 44 आतंकियों की गिरफ्तारी की खबरों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गंभीरता से नहीं लिया है. साथ ही, इस बात की पूरी संभावना है कि इन आतंकवादियों को हिरासत में लिया जाना पाकिस्तानी थल सेना की उन्हें सुरक्षा मुहैया करने की चाल हो सकती है. इसे भी देखें […]
नयी दिल्ली : पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के 44 आतंकियों की गिरफ्तारी की खबरों को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गंभीरता से नहीं लिया है. साथ ही, इस बात की पूरी संभावना है कि इन आतंकवादियों को हिरासत में लिया जाना पाकिस्तानी थल सेना की उन्हें सुरक्षा मुहैया करने की चाल हो सकती है.
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अधिकारियों ने कहा है कि आतंकवादियों को आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया है और उन्हें जांच के लिए सिर्फ एहतियाती हिरासत में लिया गया है. पड़ोसी देश ने प्रतिबंधित संगठनों के नेताओं के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई अतीत में भी की है, जो महज तमाशा साबित हुई. इसका कारण यह है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया, उन्हें जल्द ही अलग-अलग बहाने छोड़ दिया गया.
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि जैश के संस्थापक मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ और उसके बेटे सहित इसके 44 सदस्यों को जांच के लिए एहतियाती हिरासत में लिया गया है और उन्हें पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया है. अधिकारी ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि इन आतंकवादियों को हिरासत में लिया जाना पाकिस्तानी थल सेना की उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की चाल हो सकती है.
दरअसल, बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा किये गये हमले के बाद पिछले कुछ दिनों से वहां डर समा गया है. जैश के संस्थापक अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को अतीत में कई बार हिरासत में लिये जाने के तथ्य के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों ने यह आकलन किया है. इन दोनों को शांति में खलल डालने से जुड़े कानून के तहत कई बार हिरासत में लिया गया था.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अजहर और सईद को पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी कानून, 1997 के तहत कभी अभियोजित नहीं किया गया. पाकिस्तान से मिली खबरों के मुताबिक, जैश के खिलाफ कार्रवाई पाकिस्तान की राष्ट्रीय कार्रवाई योजना (नेशनल एक्शन प्लान) का क्रियान्वयन करते हुए की गयी. दरअसल, पाकिस्तानी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान पर वैश्विक समुदाय का दबाव पड़ रहा है.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय में सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई और इसमें देश की सभी प्रांतीय सरकारों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसमें प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का फैसला किया गया. इसी के अनुपालन में रऊफ और हम्माद अजहर को जांच के लिए एहतियाती हिरासत में लिया गया. हम्माद मसूद अजहर का बेटा है.
पाकिस्तान सरकार के आदेश का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि एनएपी की समीक्षा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में लिये गये फैसले के मुताबिक यह कार्रवाई जारी रहेगी. पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किये गये 44 लोगों में रऊफ और हम्माद भी शामिल हैं. अफरीदी ने कहा कि पिछले हफ्ते भारत द्वारा पाकिस्तान को सौंपे गये कागजात में रऊफ और हम्माद का नाम है. हालांकि, मंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई किसी दबाव के चलते नहीं की गयी है.