कम बारिश गोवा में खेती के लिए बनी चिंता का विषय
पणजी : गोवा का कृषि विभाग दक्षिण पश्चिम मानसून के पहुंचने के बाद पहले महीने में कम बारिश होने के कारण इस बात को लेकर चिंतित है कि राज्य में खेती के काम में समस्याएं पैदा हो सकती हैं. पणजी स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने पहले महीने में 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की है. […]
पणजी : गोवा का कृषि विभाग दक्षिण पश्चिम मानसून के पहुंचने के बाद पहले महीने में कम बारिश होने के कारण इस बात को लेकर चिंतित है कि राज्य में खेती के काम में समस्याएं पैदा हो सकती हैं. पणजी स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने पहले महीने में 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की है. राज्य में मानसून ने देर से दस्तक दी है. गोवा में मानसून 11 जून को पहुंचा है जबकि इसे दो जून को राज्य में पहुंचना था.
राज्य कृषि विभाग के निदेशक प्रजापति तूफानी ने स्वीकार किया कि धान की खेती के लिए बारिश की वर्तमान स्थिति चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, हमें अब बारिश के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी होगी. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि अगर अगले तीन दिनों में बारिश नहीं होती है तो धान की खेती के लिए समस्या हो सकती है और फसल खराब हो सकती है.
गोवा आइसीएआर के वैज्ञानिक डॉक्टर एचआर प्रभुदेसाई ने बताया कि धान की खेती में, उंचाई पर स्थित खेतों को अधिक समस्या होगी. निचले इलाकों के खेतों में ज्यादा समस्या नहीं होगी लेकिन अगले तीन दिनों में बारिश हो, यह जरुरी है.
आइएमडी गोवा कार्यालय के प्रभारी केवी सिंह ने बताया कि कल तक 460.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि सामान्य बारिश 889.8 मिलीमीटर है. आइएमडी ने अनुमान व्यक्त किया है कि अगले 24 घंटे में मानसून जोर पकड़ सकता है.