नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर अपने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई शुरू की. इस दौरान जहां रक्षा मंत्रालय से कुछ महत्वपूर्ण फाइलें चोरी होने की बात सामने आयी, तो पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट का भी जिक्र हुआ. सरकार की तरफ से दलील दी गयी कि एफ-16 से मुकाबले के लिए राफेल विमान बेहद जरूरी है. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.
सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल ने कोर्ट को जानकारी दी कि राफेल डील से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं. उन्हीं के आधार पर याचिकाएं दायर की हुई हैं. इस तरह याचिकाकर्ताओं ने गोपनीयता कानून का उल्लंघन किया है. ऐसे में पुनर्विचार याचिकाओं को रद्द किया जाना चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि दस्तावेज चोरी हुए थे, तो सरकार ने क्या कार्रवाई की. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जांच जारी है. यदि राफेल डील में सीबीआइ जांच हुई, तो देश को बड़ा नुकसान होगा.
सुनवाई के दौरान सरकार ने ‘द हिंदू’ समाचार पत्र को इन दस्तावेजों के आधार पर आलेख प्रकाशित करने को लेकर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई की भी बात कही. मालूम हो कि द हिंदू ने बुधवार को भी राफेल डील पर एक और आलेख प्रकाशित किया है. इस बीच ‘द हिंदू’ प्रकाशन समूह के चेयरमैन एन राम ने कहा है कि राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेज जनहित में प्रकाशित किये गये और उन्हें मुहैया करने वाले गुप्त सूत्रों के बारे में ‘द हिंदू’ समाचारपत्र से कोई भी व्यक्ति कोई सूचना नहीं पायेगा. कहा कि दस्तावेज प्रकाशित किये गये, क्योंकि ब्योरा दबा कर या छिपा कर रखा गया था.
इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. कोर्ट ने आप सांसद संजय सिंह की तरफ से दाखिल समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है.
चोरी के दस्तावेज प्रकाशित करना अवमानना : एजी
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट में कहा कि जिन दस्तावेजों पर एडवोकेट प्रशांत भूषण भरोसा कर रहे हैं, वह रक्षा मंत्रालय से चुराया गया है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या संबंधित विभाग के प्रमुख यही बात कहते हुए हलफनामा देंगे? अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वह गुरुवार को हलफनामा जमा कर देंगे. यह भी कहा कि जो लोग दस्तावेज को पब्लिक डोमेन में ला रहे हैं, वह ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट व अदालत की अवमानना के दोषी हैं.
आरोप: सरकार ने महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया
याचिका में आरोप लगाया गया है कि शीर्ष अदालत में जब राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया, तो केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण तथ्यों को उससे छुपाया था. यदि इन तथ्यों को छुपाया नहीं गया होता, तो निश्चित ही दायर याचिका रद्द नहीं होती.
अटॉर्नी जनरल बोले
राफेल मामला रक्षा खरीद से संबंधित है, जिसकी न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती
राफेल पर अदालत के बयान का इस्तेमाल सरकार को अस्थिर करने के लिए संभव
कोर्ट की टिप्पणी
क्या रक्षा मंत्रालय प्रमुख राफेल के चोरी हुए दस्तावेज पर हलफनामा दे सकता है
यदि सबूत पुख्ता हैं और भ्रष्टाचार हुआ है, तो फिर डील की जांच होनी चाहिए