13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोकसभा चुनाव से पहले संसदीय समिति चिंतित, फेसबुक में नहीं है इसका दुरुपयोग रोकने की क्षमता

नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने इंटरनेट पर सामाजिक संपर्क का मंच उपलब्ध कराने वाली अमेरिकी कंपनी फेसबुक की भारत में चुनावों के दौरान इस मंच का दुरुपयोग रोकने की क्षमता को लेकर चिंता जतायी है. फेसबुक के वरिष्ठ अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष हाजिर हुए. इसे भी […]

नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने इंटरनेट पर सामाजिक संपर्क का मंच उपलब्ध कराने वाली अमेरिकी कंपनी फेसबुक की भारत में चुनावों के दौरान इस मंच का दुरुपयोग रोकने की क्षमता को लेकर चिंता जतायी है. फेसबुक के वरिष्ठ अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष हाजिर हुए.

इसे भी पढ़ें : मतुआ समाज की बड़ो मां बीणापाणि देवी नहीं रहीं, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, पीएम व सीएम ने शोक जताया

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली इस समिति की बैठक में समिति के सदस्यों ने फेसबुक मंच के दुरुपयोग की संभावनाओं को लेकर उसके अधिकारियों से सवाल पूछे और उनका जवाब सुना.

सूत्रों ने बताया कि फेसबुक ने यह आश्वासन दिया है कि वह चुनाव के समय अपने मंच पर विज्ञापन देने वालों की पहचान, उनका स्थान और उसका भुगतान करने वालों की पहचान एक अलग वेब पृष्ठ पर उपलब्ध करायेगी, जिसे यूजर्स देख सकेंगे.

इसे भी पढ़ें : झारखंड में नकली डाबर आंवला केश तेल के व्यापार का भंडाफोड़

सूत्रों ने कहा कि फेसबुक की ओर से समिति को बताया गया कि वह एक ‘हाईब्रिड कंपनी’ (मिले जुले क्षेत्र की कंपनी) है. उसके अधिकारी यह नहीं बता सकते कि भारत में उनके नेटवर्क की सामग्री, विज्ञापन और विपणन कार्यों पर कौन सी विनियामक व्यवस्था लागू होती है.

कंपनी ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं है कि नेटवर्क सामग्री को सामान्य बनाने के बारे में उसका निर्णय हमेशा सही ही हो. सूत्रों में से एक ने कहा कि समिति के सदस्यों को लगता है कि फेसबुक ने चाहे पिछली गलतियों के लिए कोई भी माफी क्यों न मांगी हो, पर वह अब भी नहीं चाहती कि उसकी समुचित तरीके से जांच हो और वह पारदर्शी रहे.

इसे भी पढ़ें : ममता का प्रधानमंत्री पर हमला, कहा मोदी का विरोध करने वालों को पाकिस्तानी करार दिया जा रहा

सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने आतंकवाद और हाल के पुलवामा हमले के समय इस कंपनी के कर्मचारियों की ओर से की गयी कुछ ट्वीट और सार्वजनिक टिप्पणियों का मुद्दा उठाया, जो संवेदनहीन किस्म की थीं.

कंपनी के उपाध्यक्ष (वैश्विक जनसंपर्क नीति) जोएल काप्लान ने इनको लेकर माफी मांगी थी. समिति के करीब-करीब सभी सदस्य इस बात को मानने को राजी नहीं दिखे कि फेसबुक के कर्मचारी निष्पक्ष आचरण कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 : बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट के रूप में झारखंड को दूसरा स्थान

संसद की इस 31 सदस्यीय समिति की यह बैठक समाचार और सामाजिक संपर्क के डिजिटल मंचों पर जनता के अधिकारों की रक्षा के बारे में फेसबुक और उससे संबद्ध व्हाट्सएप और इंस्ट्रागम जैसी इकाइयों की राय जानने को बुलायी गयी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें