पीएम मोदी पर राहुल गांधी का ”राफेल अटैक” – डील में सरकार लगी है चौकीदार को बचाने में
नयी दिल्ली : राफेल मामले को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि राफेल की फाइलें कहां गायब हो गईं ? डील में सरकार चौकीदार को बचाने में लगी है. अगर कागज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये सच्चे […]
नयी दिल्ली : राफेल मामले को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि राफेल की फाइलें कहां गायब हो गईं ? डील में सरकार चौकीदार को बचाने में लगी है. अगर कागज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये सच्चे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की नयी लाइन है ‘गायब हो गया’. रोजगार गायब, जीएसटी गायब, नोटबंदी गायब और अब राफेल की फाइल गायब.
राहुल गांधी ने कहा कि राफेल की फाइल में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समानांतर डील कर रहे थे. यूपीए की डील में राफेल समय पर आता, लेकिन अंबानी की वजह से राफेल आने में देरी हुई. उन्होंने कहा कि फाइल में लिखा है कि पीएमओ दखल दे रहा था. प्रधानमंत्री के साथ-साथ सबकी जांच होनी चाहिए. जो पीएम पर आरोप लगाते हैं उनकी जांच हो सकती है लेकिन जहां पीएम का नाम आता है उनकी जांच नहीं होती, क्यों?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुझे एक बात समझ नहीं आ रही कि अगर प्रधानमंत्री दोषी नहीं हैं तो वो खुद जांच करवा कर दूध का दूध पानी का पानी क्यों नहीं कर देते. जेपीसी करवाने की मांग पर भी भाग गये. बालाकोट एयरस्ट्राइक पर उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों के परिवार पूछ रहे हैं क्या हुआ, तो बताना चाहिए. उनकी मांग सही है.आईएएफ एयर स्ट्राइक के सबूत के संबंध में उन्होंने कहा कि मैं इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगा, लेकिन हां मैंने पढ़ा है कि शहीद हुए कुछ सीआरपीएफ जवानों के परिवार ने इस मुद्दे को उठाया है, वे कह रहे हैं कि हम आहत थे इसलिए कृपया हमें दिखाएं कि क्या हुआ.
गंठबंधन पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सभी गठबंधन ट्रैक पर हैं, दिल्ली में पार्टी इकाई ने सर्वसम्मति से एक गठबंधन को न कहा है.
ये है मामला
दरअसल, सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं और याचिकाकर्ता इन दस्तावेजों के आधार पर विमानों की खरीद के खिलाफ याचिकायें रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार चाहते हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. पुनर्विचार याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि शीर्ष अदालत में जब राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया तो केंद्र ने महत्वपूर्ण तथ्यों को उससे छुपाया था.