योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, एयर स्ट्राइक का सबूत मांगना ओछी राजनीति
मथुरा : पुलवामा हमले के बाद आतंकवादियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई को गौरव की बात बताते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि पाकिस्तान में घुसकर की गयी हवाई कार्रवाई का सबूत मांगना ओछी राजनीति है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नेता ओछी राजनीति नहीं करें और न ही आपस में […]
मथुरा : पुलवामा हमले के बाद आतंकवादियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई को गौरव की बात बताते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि पाकिस्तान में घुसकर की गयी हवाई कार्रवाई का सबूत मांगना ओछी राजनीति है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नेता ओछी राजनीति नहीं करें और न ही आपस में लड़ें, बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष एकजुट होकर आतंकवाद के विरुद्ध उठ खड़े हों. बाबा रामदेव ने शुक्रवार को यहां आयोजित कृष्ण गोपाल जयंती कार्यक्रम में सम्मिलित होने आये थे. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी पूर्णानंद गिरि ने की तथा देश के अनेक संतों ने इसमें हिस्सा लिया.
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संवाददाताओं बातचीत में योगगुरु ने कहा कि दुश्मन के घर में घुसकर वायुसेना द्वारा की गयी कार्रवाई के सबूत मांगना ओछी राजनीति है. आतंकवाद से जूझने के लिए देश के सभी नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आना चाहिए तथा सर्वसम्मति से देशहित में की जा रही कठोर कार्यवाही का साथ देना चाहिए. उन्होंने देश की वर्तमान चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व जो (एयर स्ट्राइक) किया गया है, वह अंतिम नहीं है.
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इसे निरंतर जारी रखना पड़ेगा, ताकि इस पवित्र भारत-भूमि के प्रति दुर्विचार व दुर्भावना रखने वालों का धरती पर अस्तित्व ही न रहे. यही नहीं, इसके लिए हमें सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से भी कई ऐसे फैसले लेने पड़ेंगे और उनसे पीछे नहीं हटना होगा. इससे पहले उन्होंने मंच पर अनेक आसन एवं योग मुद्राओं का प्रदर्शन करते हुए सभी से नियमित कम से कम आधा घंटा योग करने का आग्रह भी किया.
योग गुरु बोले कि भक्ति के साथ मति, शक्ति, कृति भी होनी चाहिए. ये होंगी तभी गति-प्रगति होगी. देश तभी फिर से विश्वगुरु बन पायेगा. उन्होंने संत-महात्माओं को सोशल मीडिया का महत्व समझाते हुए कहा कि वे भी व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर आदि पर सक्रिय हों. फिर खुद बोले मीडिया की ताकत बढ़ाओ. फेसबुक और ट्विटर पर आसुरी शक्तियां भारतीय-हिंदू संस्कृति और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहीं हैं. देश को आर्थिक और वैचारिक गुलामी के चक्र में फांसने पर आमादा हैं. इनके विरुद्ध सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाइए.