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लोकसभा के साथ होंगे आंध्र, अरुणाचल, ओड़िशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव

नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा के गठन के लिए सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होनेवाले आम चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओड़िशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में चुनाव कार्यक्रम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2019 7:47 PM

नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा के गठन के लिए सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होनेवाले आम चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओड़िशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया है.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि सातों चरण के मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी. उल्लेखनीय है कि 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था. उन्होंने बताया कि विधानसभा का कार्यकाल पूरा करनेवाले राज्यों आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओड़िशा और सिक्किम में भी विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही कराया जायेगा. इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान इन राज्यों की लोकसभा सीटों के लिए होनेवाले मतदान के साथ ही होगा. अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ नहीं होंगे. उल्लेखनीय है कि पिछले साल जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग किये जाने के बाद मई से पहले राज्य में चुनाव कराना अनिवार्य है. जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी जटिल हालात को देखते हुए राज्य में फिलहाल लोकसभा सीटों पर ही चुनाव होगा. जम्मू कश्मीर में विधानसभा का छह साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक निर्धारित था, लेकिन पिछले साल राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने के कारण विधानसभा भंग कर दी गयी थी.

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित किये जाने के साथी ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है. इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सके. अरोड़ा ने चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव के लिए देश में लगभग दस लाख मतदान केंद्र बनाये गये हैं. पिछले चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या नौ लाख थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीवीपेट युक्त ईवीएम का इस्तेमाल किया जायेगा. इससे पहले प्रत्येक सीट के किसी एक मतदान केंद्र पर ईवीएम के साथ वीवीपेट का इस्तेमाल किया जाता रहा है. वीवीपेट की मदद से मतदाता को उसके मतदान की पर्ची देखने को मिलती है, जिससे वह अपने मत की पुष्टि कर सकता है.

अरोड़ा ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को होनेवाले मतदान की अधिसूचना 18 मार्च को जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान के लिए 19 मार्च को अधिसूचना जारी होगी. जबकि, तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों पर 23 अप्रैल को होनेवाले मतदान की अधिसूचना 28 मार्च को, चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को होनेवाले मतदान के लिए दो अप्रैल को, पांचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर छह मई को होनेवाले मतदान के लिए दस अप्रैल को, छठवें चरण में सात राज्यों की 59 सीटों पर 12 मई को होनेवाले मतदान के लिए 16 अप्रैल को और सातवें चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होनेवाले मतदान के लिये 22 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी. अरोड़ा ने बताया कि 23 मई को मतगणना के आधार पर चुनाव परिणाम घोषित होगा. समूची चुनाव प्रक्रिया 27 मई को संपन्न करने का लक्ष्य तय किया गया है.

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