2014 से 2018 के दौरान कृषक परिवारों की आय में वृद्धि के आंकड़े नहीं, सरकार द्वारा नहीं कराया गया कोई अध्ययन
नयी दिल्ली : देश में किसानों की स्थिति, उनके परिवारों की हालत और उनकी आय को लेकर पिछले पांच वर्षों में कोई अध्ययन सरकार द्वारा नहीं किया गया है. पिछले पांच वर्षों में कृषि परिवारों की आय में वृद्धि का भी कोई तुलनात्मक अनुमान उपलब्ध नहीं है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने 2013 के […]
नयी दिल्ली : देश में किसानों की स्थिति, उनके परिवारों की हालत और उनकी आय को लेकर पिछले पांच वर्षों में कोई अध्ययन सरकार द्वारा नहीं किया गया है.
पिछले पांच वर्षों में कृषि परिवारों की आय में वृद्धि का भी कोई तुलनात्मक अनुमान उपलब्ध नहीं है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने 2013 के बाद से कृषक परिवारों की स्थिति के आकलन का कोई सर्वेक्षण नहीं किया है. संसद के बजट सत्र के दौरान एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने यह बात कही है.
एनएसएसओ द्वारा पिछला ‘कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन सर्वेक्षण’ कृषि वर्ष जुलाई 2012-जून 2013 के लिए 70वीं पारी के संदर्भ में किया गया था. मंत्रालय ने कहा है कि एनएसएसओ ने 2013 के बाद ऐसा कोई सर्वेक्षण नहीं किया, इसलिए 2014 से 2018 के दौरान कृषि परिवारों की आय में वृद्धि के तुलनात्मक अनुमान उपलब्ध नहीं हैं.
इस सवाल पर कि सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए किन आंकड़ों पर निर्भर है, कृषि मंत्रालय ने बताया कि अंतर-मंत्रालयी समिति की उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार समिति ने कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन सर्वेक्षण की 70वीं पारी के इकाई स्तरीय आंकड़ों से प्राप्त कृषि परिवारों की आय के अनुमानों को आधार माना है. मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने कृषि वर्ष जुलाई, 2018 से जून, 2019 के संदर्भ में अगला सर्वेक्षण होगा.
जुलाई, 2018 से जून, 2019 के बीच सरकार करायेगी सर्वे
2015 में 12062 लोगों ने की थी खुदकुशी
2014 के दौरान कृषि क्षेत्र में शामिल कुल 12,360 व्यक्तियों ने आत्महत्याएं की, जिसमें 5650 किसान या कृषक और 6710 कृषि मजदूर शामिल हैं. इसी प्रकार, 2015 में कृषि क्षेत्र में शामिल कुल 12,062 व्यक्तियों ने आत्महत्या की, जिसमें 8007 किसान एवं कृषक तथा 4595 कृषि श्रमिक शामिल हैं.
2016 से किसानों की आत्महत्या से जुड़ी जानकारी नहीं
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो दुर्घटनावश मृत्यु और आत्महत्याएं शीर्षक वाले अपने प्रकाशन में आत्महत्याओं के बारे में सूचनाओं को संकलित और प्रसारित करता है.
2015 तक की आत्महत्याओं संबंधी ये रिपोर्ट इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है. 2016 से आगे की रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है. ऐसे में देश में कितने किसानों ने आत्महत्या की, इसकी जानकारी नहीं है.