रमजान पर मतदान को लेकर बवाल, चुनाव आयोग ने कहा, शुक्रवार और त्योहारों के दिन वोटिंग नहीं
नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने रविवार को बहुप्रतीक्षित 17वीं लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों को एलान कर दिया है. कार्यक्रम के अनुसार देश में 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा. पहली बार मतदान इसबार 7 चरणों में कराया जाएगा. 23 मई को मतगणना होगी. चुनाव […]
नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने रविवार को बहुप्रतीक्षित 17वीं लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों को एलान कर दिया है. कार्यक्रम के अनुसार देश में 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा. पहली बार मतदान इसबार 7 चरणों में कराया जाएगा. 23 मई को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग ने रमजान के महीने में चुनाव कराने के फैसले पर उठ रहे सवालों को नकारते हुए कहा कि चुनाव कार्यक्रम में मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है. इस मामले में आयोग की ओर से सोमवार को जारी प्रतिक्रिया में कहा गया है कि रमजान के दौरान पूरे महीने के लिए चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता. आयोग ने स्पष्ट किया कि इस दौरान ईद के मुख्य त्योहार और शुक्रवार का ध्यान रखा गया है.
उल्लेखनीय है कि आप और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रमजान के दौरान चुनाव कराने को लेकर आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए जानबूझ कर ऐसा चुनाव कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाया है. चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद ‘आप’ विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा था 12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमज़ान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा.
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इधर असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग के कार्यक्रम का स्वागत किया है और विरोध कर रही पार्टियों से विरोध बंद करने की मांग की है. उन्होंने कहा, यह पूरा विवाद ही बेवजह और बेबुनियादी है. मैं इन पार्टियों से निवेदन करता हूं कि कृप्या मुस्लिम समुदाय और रमजान का नाम अपनी वजहों के लिए इस्तेमाल न करें.
मुसलमान रमजान के महीने में रोजा करते हैं लेकिन बाहर जाकर आम जीवन जीते हैं, काम करते है और गरीब से गरीब भी रोजा करता है इसलिए मुझे लगता है कि इस दौरान वोटिंग और भी ज्यादा होगी, क्योंकि व्यक्ति अपने दैनिक कामों से मुक्त होगा.
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गौरतलब हो मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पहले चरण के लिये 11 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये 18 मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया शुरु हो जायेगी. जो कि 23 मई को मतगणना के बाद 27 मई को पूरी होगी.
चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित किये जाने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है. इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी जो मतदाताओं के ‘निर्णय’ को प्रभावित कर सके. अरोड़ा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों के लिये 11 अप्रैल को मतदान होगा. दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये 19 मार्च को अधिसूचना जारी होगी.
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जबकि तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटोंपर 23 अप्रैल को प्रस्तावित मतदान की अधिसूचना 28 मार्च को जारी होगी. इसी तरह चौथे चरण में नौ राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिये दो अप्रैल को, पांचवें चरण में सात राज्यों की 51 सीटों पर छह मई को होने वाले मतदान के लिये दस अप्रैल को, छठे चरण में सात राज्यों की 59 सीटों पर 12 मई को होने वाले मतदान के लिये 16 अप्रैल को और सातवें व अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान के लिये 22 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी.
अरोड़ा ने बताया कि 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी कराये जायेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से विधानसभा चुनाव नहीं होगा.
संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जम्मू कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष होता है. अरोड़ा ने बताया कि लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव के लिये देश में लगभग दस लाख मतदान केन्द्र बनाये गये हैं.
पिछले चुनाव में मतदान केन्द्रों की संख्या नौ लाख थी. इस चुनाव में लगभग 90 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. पिछले चुनाव में मतदाताओं की संख्या 84.3 करोड़ थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार प्रत्येक मतदान केन्द्र पर वीवीपैट युक्त ईवीएम का इस्तेमाल किया जायेगा. इससे पहले प्रत्येक सीट के किसी एक मतदान केन्द्र पर ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाता रहा है.
वीवीपैट की मदद से मतदाता को उसके मतदान की पर्ची देखने को मिलती है, जिससे वह अपने मत की पुष्टि कर सकता है. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक आंध्र प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को और तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को चुनाव होगा. वहीं, सर्वाधिक सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश की 80, पश्चिम बंगाल की 42 और बिहार की 40 सीटों पर सात चरणों में वोट डाले जायेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र की 48 और मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान होगा.
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में राजग ने 336 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसमें अकेले भाजपा की हिस्सेदारी 282 सीटों की रही. इस चुनाव में कांग्रेस को महज 44 सीटों पर ही जीत मिली थी.