चुनाव आयोग की चेतावनी : सबरीमाला पर राजनीति की तो खैर नहीं, भाजपा ने कही ये बात…
तिरुवनंतपुरम/कोट्टायम : निर्वाचन आयोग ने सोमवार को केरल में राजनीतिक दलों को आगाह किया कि सबरीमाला मंदिर मामले को चुनाव प्रचार का मुद्दा ना बनायें. भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए इस दिशा निर्देश को अतार्किक बताया है. चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा […]
तिरुवनंतपुरम/कोट्टायम : निर्वाचन आयोग ने सोमवार को केरल में राजनीतिक दलों को आगाह किया कि सबरीमाला मंदिर मामले को चुनाव प्रचार का मुद्दा ना बनायें. भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए इस दिशा निर्देश को अतार्किक बताया है.
चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा ने यहां मीडिया को बताया कि सबरीमाला मुद्दे पर धार्मिक प्रोपेगैंडा आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा. उन्होंने कहा, धार्मिक भावनाएं उकसाना, उच्चतम न्यायालय के फैसले का किसी तरह इस्तेमाल करना, धर्म के नाम पर वोट मांगना या धार्मिक भावनाएं भड़काना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है. सीईओ ने यह भी कहा कि आयोग ऐसा कोई उल्लंघन नहीं करने देगा जिससे किसी खास राजनीतिक दल को दूसरे दल के मुकाबले लाभ मिले. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा के प्रदेश महासचिव के सुरेंद्रन ने कहा कि सबरीमला मुद्दे पर राज्य सरकार का रुख चुनावी मुद्दा होगा. उन्होंने कोट्टायम में मीडिया से कहा, यह 100 प्रतिशत तय है कि सबरीमला मुद्दे पर राज्य सरकार के रुख पर चुनावों में चर्चा होगी. कोई भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता. यह कहना बेतुका है कि सबरीमाला मुद्दे पर चुनाव में चर्चा नहीं की जानी चाहिए.
मीणा ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, सबरी भगवान के नाम पर सबरीमला मुद्दे पर धार्मिक प्रोपेगैंडा करना या भावनाएं भड़काना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा. उन्होंने कहा कि जहां तक केरल का संबंध है तो यह विवादित मामला है और राजनीतिक दलों को एक सीमा तय करने की जरूरत है कि किस हद तक इसका इस्तेमाल करना है. उन्होंने कहा, मंगलवार को मैं इस संबंध में राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर रहा हूं और मैं उनसे वोट मांगने के लिए इस धार्मिक भावना या धार्मिक परंपराओं का अनावश्यक इस्तेमाल ना करने का अनुरोध करूंगा क्योंकि इससे लोगों के लिए धार्मिक तनाव पैदा हो सकता है.
मीणा ने कहा कि अगर यह होता है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सुरेंद्रन ने कहा कि चुनाव नियमों के अनुसार सबरीमाला मामले पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ कोई नहीं बोल सकता और चुनाव के दौरान अन्य धर्मों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा सकता. केरल में 23 अप्रैल को चुनाव होंगे.