नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों को वित्त पोषण से संबंधित धन शोधन के एक मामले में व्यवसायी जहूर अहमद वटाली की 1.03 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत वटाली की संपत्तियों को कुर्क किये जाने का एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है. लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ अपनी जांच के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक आरोप पत्र दाखिल किया था. ईडी का मामला इसी आरोप पत्र के आधार पर है.
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आधिकारिक सूत्रों ने ईडी के आदेश के हवाले से बताया कि जम्मू कश्मीर के कारोबारी वटाली को धन जुटाने और हुर्रियत नेताओं के लिए धनराशि का प्रबंध करने में शामिल पाया गया था. उन्होंने बताया कि एनआईए की जांच में खुलासा हुआ कि ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस (एपीएचसी) और अन्य अलगाववादी जनता विशेषकर युवाओं को हड़ताल करने के लिए उकसाते हैं और वे प्रेस विज्ञप्तियों, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से भारत विरोधी प्रदर्शन करने और जुलूस निकालने के लिए लोगों को निर्देश जारी करते है.
उन्होंने ईडी के आदेश के हवाले से बताया कि यह जानबूझकर ऐसे हालात पैदा करने के लिए किया गया है, जो भारत सरकार के प्रति जम्मू-कश्मीर के लोगों में असहमति पैदा करेगा. एनआईए ने जहूर अहमद वटाली, हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और अन्य नौ लोगों पर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने और कश्मीर घाटी में संकट पैदा करने के आरोप लगाये है. एनआईए ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि वटाली को पाकिस्तान की आईएसआई, यहां पाकिस्तान उच्चायोग और दुबई में एक स्रोत से धनराशि प्राप्त हुई थी.