नयी दिल्ली : सऊदी अरब के विदेश मंत्री अब्दुल अल जुबैर ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंटवार्ता की. वह सोमवार को संक्षिप्त यात्रा पर यहां पहुंचे. उनकी साढ़े चार घंटे की यह भारत यात्रा, इस्लामाबाद की पिछले दिनों हुई यात्रा के बाद हुई.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सऊदी मंत्री ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भेंट की थी और उन्हें शहजादे मोहम्मद बिन सलमान का विशेष संदेश दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, सऊदी अरब के विदेश मंत्री महामहिम अब्दुल बिन अहमद अल जुबैर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की. सऊदी विदेश मंत्री की इस यात्रा से पहले शहजादे पुलवामा हमले के शीघ्र बाद भारत और पाकिस्तान आये थे.
इससे पूर्व विदेश राज्य मंत्री अदेल अल जुबैर ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ आतंकवाद से मुकाबले के लिए सहयोग प्रगाढ़ करने के साथ ही अन्य मुद्दों पर गहन बातचीत की. पता चला है कि पुलवामा हमले के पश्चात पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर भारत के हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का मुद्दा भी बैठक के दौरान उठा. जुबैर के साथ मुलाकात में स्वराज ने सीमा पार से आतंकवाद के मुद्दे और पाकिस्तान पर अपनी सरजमीं पर आतंकी ढांचे को खत्म करने के वास्ते कदम उठाने के लिए दबाव बनाने को भी कहा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत दौरे पर आए सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री अदेल अल जुबैर से बातचीत की.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबुधाबी के क्राउन प्रिंस से भी बात की और इस्लामिक सहयोग संगठन में भारत को आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री और अबुधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने संपूर्ण द्विपक्षीय सहयोग में आ रही मजबूती पर खुशी जतायी.
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, उन्होंने द्विपक्षीय सामरिक सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जतायी. मोदी ने इस अवसर पर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की परिषद में भारत को सम्मानित अतिथि के तौर पर एक मार्च को अबुधाबी में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. बयान में कहा गया है, उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस ऐतिहासिक भागीदारी से शांति और समृद्धि के साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहयोग मिलेगा. बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के तहत भारत ने पहली ओआईसी बैठक को संबोधित किया था और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध किसी धर्म के खिलाफ नहीं है जो क्षेत्र और विश्व को अस्थिर कर रहा है.