नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और अबुधाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायेद अल-नाह्यान से फोन पर अलग-अलग बातचीत की, जबकि सऊदी अरब के कनिष्ठ विदेश मंत्री ने उनसे मुलाकात की.
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़े तनाव के बीच यह बातचीत और मुलाकात हुई है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि तुर्की और यूएई के नेताओं के साथ पीएम मोदी की फोन पर हुई बातचीत में भारत-पाक तनाव पर चर्चा हुई, या नहीं.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए किसी देश ने मध्यस्थता की कोई पेशकश नहीं की. हालांकि, पाकिस्तान ऐसा करने के लिए कई देशों से संपर्क साध रहा था. एर्दोआन के साथ हुई मोदी की बातचीत के बारे में आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है.
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि मोदी ने सभी संबंधित देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ तत्काल, दिखने लायक और ठोस कार्रवाई की अहमियत पर जोर दिया। बयान के मुताबिक, एर्दोआन ने मोदी को फोन किया और देश में हुए हालिया आतंकवादी हमलों में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया एवं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीं हमले में बल के 40 जवान शहीद हो गये थे. इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। शेख मोहम्मद बिन जायेद अल-नाह्यान के साथ मोदी की फोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने समग्र द्विपक्षीय सहयोग की बढ़ती ताकत पर खुशी जाहिर की.
इस बीच, सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अल-जुबैर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. मंत्रालय ने कहा, ‘‘ सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति पूरी एकजुटता दिखाने के लिए प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के नेतृत्व का शुक्रिया अदा किया.’