एयर स्ट्राइक खुलासा: वायुसेना ने बालाकोट में मस्जिद बचा कर आतंकी कैंपों को किया था ध्वस्त, विमानों ने 160 सेकेंड में लिया था पोजिशन

एयरफोर्स व खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा नयी दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट और पीओके के मुजफ्फराबाद एवं चकोटी में एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया था. अब वायुसेना और खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार की गयी एक रिपोर्ट में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2019 6:42 AM
एयरफोर्स व खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा
नयी दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट और पीओके के मुजफ्फराबाद एवं चकोटी में एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया था.
अब वायुसेना और खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार की गयी एक रिपोर्ट में इस एयर स्ट्राइक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, बालाकोट के जिस जगह पर यह आतंकी कैंप मौजूद थे, वहां बीचों-बीच एक मस्जिद थी. वायुसेना ने इतनी सटीकता से अपने टारगेट को हिट किया कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
इस रिपोर्ट में सेटेलाइट तस्वीरों को शामिल किया गया है, जिससे पता चलता है कि भारतीय लड़ाकू विमान ने जैश-ए-मोहम्मद के उन टारगेट को नष्ट कर दिया था, जो उन्हें मिले थे. इनमें मौलाना मसूद अजहर का अतिथि गृह, जिसमें उसका भाई अब्दुल रौफ अजहर और कुछ अन्य आतंकी आमतौर पर कैंप आने पर निवास करते थे. इसमें एक हॉस्टल या मरकज था, जहां जैश के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता था.
वायुसेना ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 80 प्रतिशत निशाने सही लगे हैं. वायुसेना के पास रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इमेजरी के माध्यम से कुछ तस्वीरे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाकू विमानों ने 160 सेकेंड में अपनी पोजिशन ली, बम गिराये और वापस आ गये.
विमानों ने 160 सेकेंड में पोजिशन ली, बम गिराये और वापस आ गये
अमेरिकी दबाव में पाक ने अभिनंदन को छोड़ा था
अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को 60 घंटे के अंदर रिहा किया था. अमेरिका ने इसके लिए उच्च-स्तरीय सैन्य चैनलों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना से संपर्क किया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल जोसेफ मोटल ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से बात की थी. उन्होंने जल्द से जल्द अभिनंदन को रिहा करने के लिए कहा था. यूएस सेंट्रल कमांड ही अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग का प्रमुख चैनल है. इसके अलावा, अभिनंदन को रिहा कराने के लिए भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन लगातार संपर्क में थे.
पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बोले – अगर मिराज के बदले 12 राफेल जाते, तो पाक में हाहाकार मच जाता
पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एवाइ टिपनिस ने कहा है कि आज हमारी हवाई ताकत जरूरत से कम है. साथ ही उन्होंने राफेल विमान की अहमियत भी बतायी.
उन्होंने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि राफेल की जरूरत हमें इसलिए है, क्योंकि यह अमेरिका के एफ-35 के मुकाबले का विमान है. कहा कि बालाकोट में आतंकी कैंपों पर कार्रवाई के लिए 12 मिराज के बदले अगर 12 राफेल गये होते, तो पाकिस्तान में हाहाकार मच जाता. जिस तरह भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के जवाब में पाक के 24 विमान भारत में घुस आये थे, अगर उस दिन हमारे पास राफेल होता, तो उनके 12 विमान भी वापस नहीं जा पाते.
मनीष तिवारी ने कहा – एके एंटनी की बात केंद्र सरकार मानती, तो 2014 में ही आ जाता राफेल
राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की नोटिंग को देख लेती, तो 2014 में ही राफेल लड़ाकू विमान भारत आ जाते, लेकिन आपने 126 जहाज की खरीद की प्रक्रिया को रद्द कर 36 कर दिया. उन्होंने कहा कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है.
मोदी सरकार ने 126 विमानों के सौदे को इसलिए खारिज किया, क्योंकि आप अपने पूंजीपति दोस्त को फायदा पहुंचाना चाहते थे. ऑफसेट सौदा ऐसे धनपशु को दिया, जिसे जहाज बनाने का कोई अनुभव नहीं था. इसके लिए तेजस जैसे विमान बनाने वाली स्वदेशी कंपनी एचएएल को दरकिनार किया गया.
गुरुग्राम में आतंकी हाफिज सईद से जुड़ा बंगला जब्त
गुरुग्राम : प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुग्राम में मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा एक बंगला जब्त किया है. इसकी कीमत 1.03 करोड़ रुपये है. यह बंगला श्रीनगर के कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली का था, जिसे हाफिज सइद ने फंडिंग किया था.
इससे पहले, वटाली को एनआइए ने अगस्त में टेरर फंडिंग केस में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी का मानना है कि बंगला को पाकिस्तान स्थित फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की ओर से फंडिंग करने के बाद खरीदा गया था. इस फाउंडेशन को सईद ही चलाता है.

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