लोकसभा चुनाव: यहां तीन दिन से ज्यादा पैदल चलकर कुली पहुंचाते हैं EVM

ईटानगर : अरूणाचल प्रदेश में ब्रिटिश राज के दौरान ऑक्जिलरी लेबर कोर (एएलसी) का गठन किया गया था और आज भी यह कोर चुनावों में अहम भूमिका निभा रही है. कोर के कुली दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में मतदान सामग्री, ईवीएम मशीनों और अन्य सामान की ढुलाई का काम करते हैं_ ब्रिटिश राज के दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2019 11:53 AM

ईटानगर : अरूणाचल प्रदेश में ब्रिटिश राज के दौरान ऑक्जिलरी लेबर कोर (एएलसी) का गठन किया गया था और आज भी यह कोर चुनावों में अहम भूमिका निभा रही है. कोर के कुली दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में मतदान सामग्री, ईवीएम मशीनों और अन्य सामान की ढुलाई का काम करते हैं_ ब्रिटिश राज के दौरान सामान लाने ले जाने के लिए एएलसी का गठन किया गया था.

1987 में अरूणाचल प्रदेश के पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने के बाद स्थायी आधार पर एएलसी सदस्यों की भर्ती बंद कर दी गयी. अब इन्हें केवल अस्थायी आधार पर ही नियुक्त किया जाता है. एएलसी के कुली प्रदेश के ऐसे-ऐसे इलाकों तक पहुंच रखते हैं जहां दुर्गम रास्तों पर आवागमन का कोई साधन मौजूद नहीं है. ऐसे में ये कुली सरकार और आम जन के बीच संपर्क सेतु का काम करते हैं.

मौसम के विपरीत हालात, पहाड़ी दर्रों और जंगलों को पार करते हुए एएलसी के कुली चुनाव सामग्री को दुर्गम इलाकों में पहुंचाते हैं और उनके दम पर ही प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हो पाती है. आजादी के 72 साल बीत जाने के बावजूद, एएलसी के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां वाहन से नहीं पहुंचा जा सकता और ऐसे इलाकों में प्रशासन को केवल एएलसी के कुलियों के सहारे ही रहना पड़ता है.

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कांकी दरांग बताते हैं, ‘‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किये जाने वाले सामान की ढुलाई, नये प्रशासनिक केंद्रों को खोलने, प्राकृतिक आपदाओं और चुनाव के दौरान एएलसी की सेवाओं की जरूरत होती है.’ निर्वाचन कार्यालय ने यहां साल 2014 के चुनाव के दौरान 2100 कुलियों को भर्ती किया था और 2009 के विधानसभा चुनाव के दौरान 1400 कुलियों की सेवाएं ली गयी थीं.

उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी लिकेन कोयू ने बताया, ‘‘इस बार अधिक एएलसी को भर्ती करने की जरूरत होगी क्योंकि भारतीय निर्वाचन आयोग पहली बार वीवीपीएटी पेश कर रहा है और इस अतिरिक्त सामग्री की ढुलाई के लिए हमें अतिरिक्त कुलियों की जरूरत होगी.’ प्रदेश में कई सीटों पर चुनाव परिणामों की घोषणा करने में कई दिन का समय लगता है क्योंकि एएलसी के कुली ईवीएम मशीनों को ढोकर लाते हैं और इसके लिए उन्हें तीन दिन से ज्यादा का पहाड़ी सफर करना पड़ता है. अरूणाचल प्रदेश में ऐसे 518 दूरस्थ मतदान केंद्र हैं जहां मतदान कर्मियों को कई दिन पैदल चलकर पहुंचना पड़ता है.

अधिकारियों ने बताया कि कई मतदान केंद्र जिला मुख्यालय से 30 से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. ऐसे में मतदान कर्मियों को वहां पहुंचने में दो तीन दिन का समय लगता है.

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