मोदी सरकार में जूनियरों को बड़ा कार्यभार

यूपीए सरकार में राज्य मंत्री काम के लिए तरसते थे. प्रधानमंत्री भी उन्हें अधिकार न दिला सके. एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री के निर्देश पर सभी मंत्रियों ने राज्य मंत्रियों को महत्वपूर्ण काम सौंपे हैं. इससे राज्य मंत्रियों में उत्साह है. – सेंट्रल डेस्क – संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार में राज्य मंत्री काम के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2014 8:10 AM

यूपीए सरकार में राज्य मंत्री काम के लिए तरसते थे. प्रधानमंत्री भी उन्हें अधिकार न दिला सके. एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री के निर्देश पर सभी मंत्रियों ने राज्य मंत्रियों को महत्वपूर्ण काम सौंपे हैं. इससे राज्य मंत्रियों में उत्साह है.

– सेंट्रल डेस्क –

संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार में राज्य मंत्री काम के लिए तरसते थे. मिलिंद देवड़ा ने तो प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और राहुल गांधी से इसकी शिकायत भी की, लेकिन फायदा नहीं हुआ. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) सरकार के पिछले कार्यकाल में उमा भारती जैसी तेज-तर्रार नेता के लिए भी डॉ मुरली मनोहर जोशी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में कोई काम नहीं छोड़ा था. पर अब परिदृश्य बदल गये हैं. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार में राज्य मंत्रियों को बड़ी जिम्मेवारियां मिली हैं. इससे राज्य मंत्री काफी खुश हैं. प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिया था कि वे सभी महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकार अपने पास न रखें. राज्य मंत्रियों को बड़ा कार्यभार दें.

असर हुआ कि मोदी मंत्रिमंडल के सबसे युवा मंत्रियों में एक किरण रिजीजू (42) को बड़ी जिम्मेदारियां दी गयी हैं. भारतीय पुलिस बल में सुधार, जेल या चुनाव सुधार, बांग्लादेशी घुसपैठ और सांप्रदायिकता जैसे संवेदनशील मुद्दों समेत 71 प्रशासनिक मामलों की जिम्मेदारी अरुणाचल प्रदेश से पहली बार संसद पहुंचे रिजीजू को सौंपी गयी है. रिजीजू कहते हैं कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां सौंपी हैं. वह उसे पूरा करने के लिए जी-जान लगा देंगे.

लगभग सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्य मंत्रियों को उनकी जिम्मेवारी सौंप दी है. कई राज्य मंत्रियों के पास स्वतंत्र प्रभार भी हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने राज्य मंत्रियों को कई बड़ी जिम्मेवारियां दी हैं. राव इंदरजीत सिंह, जो आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में आये थे. को योजना और सांख्यिकी विभाग के साथ योजना कार्यान्वयन मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. अरुण जेटली से संबद्ध सिंह 52 प्रशासनिक मामलों के साथ रक्षा मंत्रालय के 10 बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं.

रक्षा मंत्रालय में पनडुब्बियों को सेवा से हटाने और सेना की अतिरिक्त जमीन के उपयोग के लिए नीति बनाने के संबंध में सिंह स्वतंत्र रूप से अपने विचार रख रहे हैं. मंत्रालय 17.3 लाख एकड़ भूमि का मालिक है, जिसमें 16 लाख एकड़ भूमि छावनी क्षेत्र से बाहर हैं. करीब 11,000 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है. वर्तमान नीति के तहत इसे न तो सरप्लस घोषित किया जा सकता है, न बेचा जा सकता है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह को अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई और पश्चिमी एवं मध्य यूरोप के सभी मामलों को स्वतंत्र रूप से देखने की जिम्मेवारी दे दी है. पूर्व सेनाध्यक्ष को विदेश मंत्री ने सारा काम सरकार गठन के एक सप्ताह के भीतर सौंप दिया था. यूपीए सरकार में विदेश राज्य मंत्री रहे शशि थरूर और परनीत कौर को इतने काम कभी नहीं मिले. रसायन और ऊर्वरक राज्य मंत्री निहाल चंद मेघवाल खुश हैं. मंत्रालय के निर्णय में अनंत कुमार उन्हें शामिल करते हैं. सभी बैठकों में उन्हें बुलाते हैं और सभी फाइलें उनके पास भेजी जाती हैं.

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