मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने तक चीन के साथ संयम रखने को तैयार है भारत

नयी दिल्ली : आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने में कितना भी समय लगे भारत चीन के साथ संयम बरतने को तैयार है, लेकिन आतंकवाद पर अपनी स्थिति के साथ कोई समझौता नहीं करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि ऐसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2019 4:32 PM

नयी दिल्ली : आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने में कितना भी समय लगे भारत चीन के साथ संयम बरतने को तैयार है, लेकिन आतंकवाद पर अपनी स्थिति के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें चीन को पाकिस्तान के साथ सुलझाने की जरूरत है, क्योंकि पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवादियों के सक्रिय होने के पर्याप्त सबूत हैं जो चीन के भी हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन ये मुद्दे पाकिस्तान के साथ सुलझाए और भारत इस पर संयम बरतेगा.

उन्होंने कहा कि भारत ने चीन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों के साथ अजहर के खिलाफ सबूत साझा किये हैं. जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर बुधवार को चीन ने एक बार फिर तकनीकी रूप से रोक लगा दी. भारत ने चीन के इस कदम को निराशाजनक करार दिया था. सूत्रों ने कहा कि भारत सतर्कतापूर्वक इस बात को लेकर आश्वस्त है कि अजहर को आतंकवादियों की वैश्विक सूची में शामिल किया जाएगा, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के खिलाफ ठोस मामला है.

सूत्रों ने कहा कि भारत अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद या संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति के साथ ना कोई समझौता करेगा और ना ही कोई समझौता खत्म करेगा. नयी दिल्ली मुद्दे पर लंबा इंतजार करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 15 में से 14 सदस्यों ने भारत का इस मुद्द पर समर्थन किया है, जबकि सात सदस्य अजहर को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित कर रहे हैं.

भारत संयुक्त राष्ट्र के इसे गैरकानूनी करार देने तक अपनी लड़ाई जारी रखेगा. फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का ताजा प्रस्ताव पेश किया था. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद यह प्रस्ताव लाया गया था, जिसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.

सूत्रों ने कहा कि आतंकवाद ऐसा मुद्दा है जिसपर भारत कोई समझौता नहीं कर सकता अगर चीन को समय चाहिए तो नयी दिल्ली इसके लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत अजहर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का रुख नहीं करेगा और अगर अजहर को सूचीबद्ध करने का कोई अन्य रास्ता है तो वह शक्तिशाली संगठन के सदस्यों को उसका पता लगाना होगा.

उन्होंने इस मामले पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी अन्य देश के मध्यस्थ बनने की संभावना को भी खारिज कर दिया. गौरतलब है कि चीन ने पिछले 10 वर्ष में चौथी बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगाई है.

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