नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि बालाकोट आतंकवादी शिविरों पर हुए आतंकवादी हमलों से हुए नुकसान का हिसाब मांग कर विपक्ष ने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. एक खबरिया चैनल के कार्यक्रम के दौरान जेटली ने कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक या हवाई हमला लोकसभा चुनाव अभियान का हिस्सा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव आयोग से पूरी तरह सहमत हूं कि राजनीतिक पोस्टरों पर शहीदों की तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
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उन्होंने 1971 युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा था और जन संघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने सभी मंचों पर सरकार का बचाव किया था. हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पुलवामा और बालाकोट घटनाओं का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 21 विपक्षी दलों के बयान से भारत के राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचा है और उसने पाकिस्तान को देश की साख खराब करने का मौका दिया है.
जेटली ने कहा कि देश की जनता के दिमाग में भ्रम पैदा करने के लक्ष्य से सशस्त्र बलों की कार्रवाई पर सवाल उठाना अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारने जैसा था. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत अमेरिका ने जब अल-कायदा सरगना ओसामा बिन-लादेन के खिलाफ कार्रवाई की थी, तो किसी ने उस पर सवाल नहीं उठाया और न ही सबूत मांगे.
भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा की ओर से सशस्त्र बलों की कार्रवाई का राजनीतिकरण करने की कोशिश के बारे में सवाल करने पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह गलत किया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसकी आलोचना भी की है.