खिलाड़ियों का राजनीति से नाता : राठौड़ चमके, भूटिया चूके

नयी दिल्ली : एक आमतौर पर पहले पन्ने पर होता है, तो दूसरा आखिरी पेज पर. लेकिन चुनावी मौसम में यह पुरानी कहावत बेमानी हो जाती है कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ियों का राजनीति से गहरा और पुराना नाता रहा है. इस बार भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कीर्ति आजाद और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2019 5:37 PM

नयी दिल्ली : एक आमतौर पर पहले पन्ने पर होता है, तो दूसरा आखिरी पेज पर. लेकिन चुनावी मौसम में यह पुरानी कहावत बेमानी हो जाती है कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ियों का राजनीति से गहरा और पुराना नाता रहा है. इस बार भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कीर्ति आजाद और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे खिलाड़ी तो राजनीति में भी अनुभवी हो गये हैं, लेकिन इस बार क्रिकेटर गौतम गंभीर जैसे नये नाम भी सामने आ सकते हैं.

ओलिंपिक रजत पदक विजेता और केंद्रीय मंत्री राठौड़ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में देश के लिए कुछ करने की ललक होती है. चाहे वे खेल के मैदान पर हों या राजनीति में. यह भाव उनके भीतर रहता है.’

सोलहवीं लोकसभा में राठौड़ के अलावा पूर्व क्रिकेटर आजाद (भाजपा से कांग्रेस में आये), पूर्व फुटबॉल कप्तान प्रसून बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज के नारायण सिंह देव (बीजद) सदस्य थे. डबल ट्रैप निशानेबाज राठौड़ वर्ष 2017 में देश के पहले ऐसे खेलमंत्री बने, जो खिलाड़ी रहे हैं. वह सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं.

उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि खिलाड़ी भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. खिलाड़ी होने के कारण वे अनुशासित और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहते हैं.’ जयपुर ग्रामीण से पहली बार संसद में आये राठौड़ ने कहा, ‘वे काम में विश्वास करते हैं और यह अच्छे नेता की निशानी है.’

पंद्रहवीं लोकसभा में आजाद और देव के अलावा पूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरुद्दीन (कांग्रेस)और नवजोत सिंह सिद्धू (भाजपा) भी सदस्य थे. अजहर वर्ष 2014 में भी मुरादाबाद से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गये. दूसरी ओर सिद्धू वर्ष 2014 में लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद राज्यसभा के सदस्य थे, लेकिन अब भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गये हैं. इससे पहले 2004 में एथलीट ज्योर्तिमयी सिकदर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से चुनाव जीती थीं.

पूर्व हॉकी कप्तान असलम शेर खान वर्ष 1984 में लोकसभा सदस्य थे और वर्ष 1991 में भी जीते, लेकिन उसके बाद चार चुनाव हार गये. क्रिकेटर चेतन चौहान वर्ष 1991 और वर्ष 1998 में अमरोहा से चुनाव जीते. पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप तिर्की ओड़िशा से राज्यसभा सदस्य थे. छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकोम भी राज्यसभा सदस्य रही.

ऐसी अटकलें हैं कि गंभीर इस चुनाव में अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर सकते हैं. क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रीवा सोलंकी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. वह विवादास्पद करनी सेना की महिला शाखा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़े, लेकिन हार गये.

मशहूर फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया वर्ष 2014 में तृणमूल कांग्र्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन हार गये. पूर्व राष्ट्रीय तैराकी चैम्पियन और अभिनेत्री नफीसा अली वर्ष 2004 में कांग्रेस और 2009 में सपा की उम्मीदवार रही, लेकिन दोनों बार हार गयीं. इस बार खिलाड़ियों पर लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने की भी जिम्मेदारी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचिन तेंडुलकर, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धौनी, रोहित शर्मा, वीरेंद्र सेहवाग, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से मतदान के लिए जागरूकता जगाने की अपील की है.

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