नोटा के प्रति मतदाताओं का रुझान हो रहा कम, तेलंगाना को छोड़ अन्य राज्यों में घटा नोटा

नोटा का पूर्ण इस्तेमाल शुरू होने के बाद देश में हुए हैं 31 विस और एक लोस चुनाव नयी दिल्ली : भारतीय चुनाव प्रणाली में नोटा का पूर्ण इस्तेमाल शुरुआत होने के बाद देश में 31 विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से लोकसभा और 14 विधानसभा चुनाव नोटा सिंबल आने के पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2019 6:22 AM
नोटा का पूर्ण इस्तेमाल शुरू होने के बाद देश में हुए हैं 31 विस और एक लोस चुनाव
नयी दिल्ली : भारतीय चुनाव प्रणाली में नोटा का पूर्ण इस्तेमाल शुरुआत होने के बाद देश में 31 विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से लोकसभा और 14 विधानसभा चुनाव नोटा सिंबल आने के पहले हो हुए, जबकि 17 विधानसभा चुनाव उसके बाद हुए. नोटा सिंबल 2015 में आया. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2013 से 2015 के बीच हुए चुनावों में नोटा का वोट शेयर 0.4 फीसदी (दिल्ली-2015) और 3.07 फीसदी (छत्तीसगढ़-2013) के बीच रहा.
पहली बार बिहार में सिंबल का इस्तेमाल
नोटा सिंबल का इस्तेमाल पहली बार 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में हुआ था. इसमें नोटा का शेयर 2.48% था, जो नोटा सिंबल आने के बाद सबसे अधिक रहा. इससे पहले नोटा के वोट रजिस्टर में दर्ज होते थे.
नकारने की ताकत है नोटा
नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प मतदाता को चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने में सक्षम बनाता है. यह एक तरह का नकारात्मक प्रतिक्रिया देने का एक तरीका है.
दरअसल, 2013 के विधानसभा में निर्वाचन आयोग ने पहली बार नोटा के इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था. इसी के साथ भारत नोटा का इस्तेमाल करने वाला दुनिया का 14वां देश बन गया. इसके अलावा कोलंबिया, यूक्रेन, ब्राजील, बांग्लादेश, फिनलैंड, स्पेन, स्वीडन, चिली, फ्रांस, रूस, बेल्जियम और ग्रीस में भी इसका चलन है.
तेलंगाना को छोड़ अन्य राज्यों में घटा नोटा
राज्य/वर्ष 2013/14 2018
छत्तीसगढ़ 3.07 2.00
मध्यप्रदेश 1.90 1.40
मिजोरम 0.66 0.50
राजस्थान 1.91 1.30
तेलंगाना 0.78 1.10
कुल 1.83 1.38

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