21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एनसीटीसी पर नहीं बनी सहमति

।। सरकार ने कहा एनसीटीसी नहीं बनी तो भारी कीमत चुकानी होगी।।नयी दिल्लीः प्रस्तावित एनसीटीसी पर उन मुख्यमंत्रियों ने कडी आपति जतायी है जिनकी पार्टी केंद्र में सत्ताधारी यूपीए की साझेदार नहीं है. केंद्र सरकार ने एनसीटीसी को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचनाओं के जवाब में बुधवार को कहा कि यदि एनसीटीसी […]

।। सरकार ने कहा एनसीटीसी नहीं बनी तो भारी कीमत चुकानी होगी।।
नयी दिल्लीः प्रस्तावित एनसीटीसी पर उन मुख्यमंत्रियों ने कडी आपति जतायी है जिनकी पार्टी केंद्र में सत्ताधारी यूपीए की साझेदार नहीं है. केंद्र सरकार ने एनसीटीसी को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचनाओं के जवाब में बुधवार को कहा कि यदि एनसीटीसी नहीं बना तो देश को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी.

पूर्व में गृह मंत्री के रुप में एनसीटीसी की परिकल्पना करने वाले मौजूदा वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा कि यह अफसोसनाक बात है कि कुछ मुख्यमंत्री राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के संशोधित स्वरुप का भी विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में एनसीटीसी को लेकर मोदी की आलोचनाओं के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि जिस तरह की गं

Undefined
एनसीटीसी पर नहीं बनी सहमति 6

भीरतासे एनसीटीसी को लेना चाहिए, वह अब नहीं है.

चिदंबरम ने कहा कि उन्हें इस बात का गहरा अफसोस है कि कुछ मुख्यमंत्री एनसीटीसी के संशोधित स्वरुप का भी विरोध कर रहे हैं. यदि एनसीटीसी का विरोध किया गया तो डर है कि देश को समय समय पर इसकी कीमत चुकानी पडेगी. मोदी ने एनसीटीसी के नये मसौदे पर चिंता जताते हुए कहा कि यह गलत परिकल्पित विचार है. उन्होंने कहा कि इसमें एनसीटीसी को मजबूती देने के बजाय पुराने विचारों का ही ‘‘फेरबदल’’ किया गया है.

सम्मेलन में चिदंबरम भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि यदि मुंबई में 2008 के आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन कानून, राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून और मल्टी एजेंसी केंद्र (एमएसी) के साथ ही एनसीटीसी का प्रस्ताव लायी होती तो इसे राज्यों की मंजूरी मिल गयी होती. चिदंबरम ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एनसीटीसी का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है. मेरा मानना है कि यह गलत है.’’

केंद्र व राज्यों को मिलकर काम करने की जरूरत

नक्सल समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की जरूरत पर प्रधानमंत्री मनोहन सिंह ने बल दिया है. उन्होंने आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में छत्तीसगढ में पिछले दिनों कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए नक्सल हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा का हमारे लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. केंद्र और राज्यों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि सुनिश्चित हो सके कि इस तरह की घटना फिर से न होने पाए.

उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में नक्सल हिंसा की घटनाओं और इसमें होने वाली मौतों की संख्या में काफी कमी आई है. नक्सलियों के सरेंडर के मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है लेकिन छत्तीसगढ हमले जैसे नक्सलियों के बड़े हिंसक हमले हमारे लिए झटका हैं. बडे पैमाने पर होने वाले ऐसे हमलों से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिशा में केंद्र सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकारें हमारे साथ पूरा सहयोग करेंगी और हमारे प्रयासों को और प्रभावी बनाएंगी. उन्होंने कहा कि माओवादियों के खिलाफ सक्रियता से सतत अभियान चलाने और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में विकास और शासन से जुडे मुद्दों के समाधान की दोस्तरीय रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है.

सिंह ने कहा कि माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और खुफिया तंत्र मजबूत करने के प्रायासों के साथ ही हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे इलाकों में रहने वाले लोग शांति और सुरक्षा के माहौल में रह सकें और विकास के प्रयासों से उन्हें पूरा फायदा हासिल हो सके.

एनसीटीसी के संशोधित प्रारुप में खामियां हैं

Undefined
एनसीटीसी पर नहीं बनी सहमति 7

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के संशोधित प्रारुप में भी गंभीर खामियां हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र यदि एनसीटीसी जैसी संस्था बनाना चाहता है तो उसे संसद में कानून पारित कर ऐसा करना चाहिए.नीतीश ने यहां आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सवाल उठाया, ‘‘सर्वप्रथम एनसीटीसी के अंदर अभियान डिवीजन बनाने एवं अभियान चलाने के लिए इसे शक्ति प्रदान करने की क्या आवश्यकता है जबकि ऐसे अभियान राज्य पुलिस के माध्यम से या राज्य पुलिस की सहायता से चलाये जाने हैं.’’ उन्होंने कहा कि इससे अभियान चलाने में समस्या होगी क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन अभियानों में दोनों संगठनों में से किसकी अग्रणी और निर्णायक भूमिका होगी.

उन्होंने कहा कि एनसीटीसी के संशोधित प्रारुप में अभी भी राज्यों के सिविल अधिकारियों को कागजात और सूचनाएं प्रदान करने के बाध्यकारी प्रावधान बरकरार हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पहले से ही इस तरह के कृत्यों के निर्वहन के लिए कार्यरत है. फिर भी एनसीटीसी का गठन प्रस्तावित है. इससे बेहतर विकल्प एनआईए को ही मजबूत और विकसित करने में है न कि दूसरा संगठन बनाने में. नीतीश ने कहा कि फिर भी केंद्र यदि चाहता है कि एनसीटीसी जैसी संस्था बने तो इसे संसद द्वारा कानून पारित करके बनाया जाना चाहिए ताकि व्यापक बहस के माध्यम से बेहतर राय प्राप्त हो सके.

एनसीटीसी को निरंकुश ताकत ना दी जाए

Undefined
एनसीटीसी पर नहीं बनी सहमति 8

महत्वाकांक्षीएनसीटीसी को पूरी तरह से लागू किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक ने आज कहा कि इस निकाय को‘‘निरंकुशशक्तियां’’ नहीं दी जानी चाहिए.कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने साथ ही यह भी कहा कि नक्सल आंदोलन उनके राज्य में सुरक्षा स्थिति को ‘‘निश्चित रुपसे गड़बड़ करने के प्रयास में है.’’ यहां आयोजित मुख्यमंत्रियों के आंतरिक सुरक्षा सम्मेलन में सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘एनसीटीसी के गठन से पहले कुछ एहतियाती उपाय आवश्यक हैं ताकि इसे राज्यों के क्षेत्र में अतिक्रमण करने के लिए निरंकुश ताकत हासिल नहीं हो सके.’’

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र की परिकल्पना के अनुसार राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र बहुआयामी तरीके से खुफिया जानकारी एकत्र करेगा और यह कार्रवाई की योजना बनाने वाली एजेंसी होगी. आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वर्तमान संगठनों के माध्यम से खुफिया नेटवर्क के पहले के प्रयास अपर्याप्त एवं अप्रभावी साबित हुए.’’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा, कर्नाटक की सरकार आंकड़ों एवं खुफिया सूचनाओं को साझा करने और आतंकवाद निरोधक गतिविधियों की योजना बनाने को महत्व को समझती है. उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सल गतिविधियां ‘‘धीरे..धीरे’’ ‘‘विस्तारित’’ हो रही हैं इसलिए कर्नाटक को नक्सलवाद प्रभावित राज्य की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.

नक्सल से लड़ने के लिए रणनीति नहीं

Undefined
एनसीटीसी पर नहीं बनी सहमति 9


गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मांग की है कि आतंरिक सुरक्षा के मसले पर सरकार को श्‍वेत पत्र जारी करनी चाहिए. मोदी ने कहा कि माओवाद के खिलाफ लड़ने के लिए न कोई रणनीति है ना ही सोच-समझ. देश कभी भी हिंसा मंजूर नहीं करेगा. मोदी ने कहा कि सरकार को नक्‍सल के खिलाफ कड़ा संदेश देने की जरूरत है. गुजरात उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सीधे-सीधे यूपीए की मुखिया सोनिया गांधी अपने निशाने पर ले लिया है.

उन्होंने कहा कि गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति (एनएसी) में नक्सली समर्थक हैं. मोदी ने अपनी बात के पक्ष में तर्क दिया कि नक्सलवादी की पत्नी पद्‍मा एनएसी सदस्य के एनजीओ में शामिल थी, जिसे कि कलेक्टर के बदले रिहा किया गया था. उन्होंने कहा कि केन्द्र के पास नक्सलियों के खिलाफ कोई खास रणनीति नहीं है. अब नक्सलियों को कड़ा संदेश दिए जाने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने संघीय ढांचे को कमजोर करने की कोशिश की है. मोदी ने केन्द्र को नसीहत देते हुए कहा कि वह बड़ा भाई बनने की कोशिश न करे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण सुनकर अफसोस हुआ.

एनसीटीसी के प्रावधानों का और अध्ययन हो

Undefined
एनसीटीसी पर नहीं बनी सहमति 10

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज राज्यों में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियानों के लिए राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) के कुछ प्रावधानों का और अधिक अध्ययन किये जाने की मांग की.

आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा, ‘‘इस तरह के संयुक्त अभियानों में अभियान की क्षमता और संबंधित भूमिकाओं पर स्पष्टता के संबंध में इन प्रावधानों के प्रभावों को समझने के लिए प्रस्तावित मसौदे के पैराग्राफ 5.2 और 5.3 की और पड़ताल की जरुरत है.’’ एनसीटीसी स्थापित करने के मसौदा आदेश के पैराग्राफ 5.2 में शर्त है कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियानों को राज्य पुलिस बलों द्वारा या उनके साथ मिलकर चलाया जाएगा. बाद के पैराग्राफ में कहा गया है कि एनसीटीसी को आतंकवादी संगठनों के आतंकियों के खिलाफ किसी अभियान के लिए राज्य पुलिस की सहायता के लिए विशेष बलों की सेवाएं लेने का अधिकार होगा.

चव्हाण ने खुफिया प्रकोष्ठ को मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की मदद भी मांगी.मुख्यमंत्री ने यह इच्छा भी जताई कि केंद्र सरकार को नक्सली संगठनों के बहुभाषी दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में स्थानीय बोलियों में कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए एफएम रेडियो केंद्र बनाने चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें