भारत का नेतृत्व आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह सक्षम : डोभाल

गुड़गांव : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि देश का नेतृत्व आतंकवाद के किसी भी कृत्य तथा इसे बढ़ावा देने वाले लोगों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 80वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में डोभाल ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2019 12:47 PM

गुड़गांव : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि देश का नेतृत्व आतंकवाद के किसी भी कृत्य तथा इसे बढ़ावा देने वाले लोगों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 80वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में डोभाल ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भारत न तो भूला है और न ही भूलेगा. 14 फरवरी को हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

उन्होंने कहा ‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि देश का नेतृत्व इस तरह के (पुलवामा जैसे) आतंकी हमलों से तथा इसे बढ़ावा देने वालों से कारगर तरीके से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहायक डोभाल की, पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी गुट जैश ए मुहम्मद के आतंकी शिविर पर हवाई हमले की योजना बनाने में अहम भूमिका मानी जाती है.

पुलवामा हमला बीते तीन दशक में कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए भीषण हमलों में से एक है. डोभाल ने कहा ‘हमें क्या करना चाहिए ? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए ? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है. देश हर तरह की चुनौती से निपट सकता है और इसके लिए हमारे अंदर साहस है.’

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह ‘बेहद त्रासदीपूर्ण घटना थी.’ उन्होंने कहा कि देश इन जवानों और इनके परिवारों का हमेशा ही ऋणी रहेगा. डोभाल ने सीआरपीएफ से पीछे मुड़ कर न देखने और अतीत को लेकर चिंतित न होने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने बल से पेशेवर रूख अपनाने, विश्वसनीय प्रशिक्षण और शारीरिक क्षमता पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा ‘अगर आपका मनोबल ऊंचा है तो देश का भविष्य सुरक्षित है.’ डोभाल ने कहा ‘सीआरपीएफ को शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभानी है. देश का प्रमुख अंदरूनी सुरक्षा बल होने के नाते सीआरपीएफ के कंधों पर अपने दायित्व का निर्वाह करने की बड़ी जिम्मेदारी है.’

ब्रिटिश शासन के दौरान 1939 में ‘क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव्स पुलिस’ के तौर पर सीआरपीएफ की स्थापना की गई थी. देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में इस बल को युद्ध और शांति के दौरान देश में दी गई सेवाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान दिया. फिलहाल सीआरपीएफ में तीन लाख कर्मी हैं.

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