नयी दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिग्गज नेता रहे राम मनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कांग्रेस और देश के समाजवादी दलों पर करारा प्रहार किया. उन्होंने लोहिया की जंयती पर ब्लॉग लिखकर समाजावदी विचारधारा वाले दलों के कांग्रेस से गठबंधन पर वार करते हुए शनिवार को लिखा है कि कांग्रेसवाद का विरोध डॉ. लोहिया के हृदय में रचा-बसा था, लेकिन डॉ. लोहिया को अपना आदर्श बताने वाले दलों ने उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है और उसी कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं.
समझ में नहीं आता कि @narendramodi जी किस विचारधारा पर चलना चाहते हैं। एक तरफ़ गांधी जी, भगत सिंह, सरदार पटेल, बाबासाहेब और डॉ. लोहिया को अपनाने की कोशिश तो दूसरी तरफ़ उनका सम्मान, जिनका इन सबने खुला विरोध किया। आपने डॉ. लोहिया की ‘हिन्दू बनाम हिन्दू’ की पहली पंक्ति तो पढ़ी होगी! pic.twitter.com/eEiblmQ2hv
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 23, 2019
मोदी के इस हमले के बाद सपा नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्विट किया कि समझ में नहीं आता कि मोदी जी किस विचारधारा पर चलना चाहते हैं. एक तरफ गांधी जी, भगत सिंह, सरदार पटेल, बाबासाहेब और डॉ. लोहिया को अपनाने की कोशिश तो दूसरी तरफ उनका सम्मान, जिनका इन सबने खुला विरोध किया. आपने डॉ. लोहिया की ‘हिन्दू बनाम हिन्दू’ की पहली पंक्ति तो पढ़ी होगी! उन्होंने कहा कि भाजपा गांधी, भगत सिंह, सरदार पटेल, आंबेडकर और लोहिया को अपनाने का प्रयास करती है लेकिन इन नेताओं ने जिनका विरोध किया था, भाजपा उनका ही पालन करती है. ऐसा लगता है कि भाजपा को सिजोफ्रेनिया है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘‘आज अद्वितीय विचारक, क्रांतिकारी तथा अप्रतिम देशभक्त डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयंती पर सादर नमन. प्रखर बुद्धि के धनी डॉ. लोहिया में जन सरोकार की राजनीति के प्रति गहरी आस्था थी.’ उन्होंने लिखा कि दुर्भाग्य की बात है कि राजनीति में आज ऐसे घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, जिन्हें देखकर डॉ. लोहिया भी विचलित, व्यथित हो जाते. मोदी ने कहा, ‘‘ वे दल जो डॉ. लोहिया को अपना आदर्श बताते हुए नहीं थकते, उन्होंने पूरी तरह से उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है। यहां तक कि ये दल डॉ. लोहिया को अपमानित करने का कोई भी कोई मौका नहीं छोड़ते. ‘ उनकी इस टिप्पणी को आसन्न लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ विपक्षी दलों के महागठबंधन के प्रयासों के संदर्भ में देखा जा रहा है.
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प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘‘ डॉ. लोहिया जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के बीच बराबरी के पक्षधर रहे. लेकिन, वोट बैंक की राजनीति में आकंठ डूबी पार्टियों का आचरण इससे अलग रहा. यही वजह है कि तथाकथित लोहियावादी पार्टियों ने तीन तलाक की अमानवीय प्रथा को खत्म करने के राजग सरकार के प्रयास का विरोध किया.’
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विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मोदी ने पूछा कि इन पार्टियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इनके लिए डॉ. लोहिया के विचार और आदर्श बडे़ हैं या फिर वोट बैंक की राजनीति ? उन्होंने कहा, ‘‘आज 130 करोड़ भारतीयों के सामने यह सवाल मुंह बाए खड़ा है कि – जिन लोगों ने डॉ. लोहिया तक से विश्वासघात किया, उनसे हम देश सेवा की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? जाहिर है, जिन लोगों ने डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल किया है, वे लोग हमेशा की तरह देशवासियों से भी छल करेंगे.’
मोदी ने लिखा कि ओडिशा के वरिष्ठ समाजवादी नेता सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी ने कहा था,“डॉ. लोहिया अंग्रेजों के शासनकाल में जितनी बार जेल गए, उससे कहीं अधिक बार उन्हें कांग्रेस की सरकारों ने जेल भेजा. उन्होंने कहा, ‘‘ आज उसी कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं. यह विडंबना हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी है.’
मोदी ने लिखा कि डॉ. लोहिया वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे. आज वे यह देखकर जरूर हैरान-परेशान होते कि उनके ‘अनुयायी’ के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं. उन्होंने लिखा कि डॉ. लोहिया का मानना था कि जो व्यक्ति ‘समता’, ‘समानता’ और ‘समत्व भाव’ से कार्य करता है, वह योगी है। दुख की बात है कि स्वयं को लोहियावादी कहने वाली पार्टियों ने इस सिद्धांत को भुला दिया. उन्होंने कहा कि ये दल ‘सत्ता’, ‘स्वार्थ’ और ‘शोषण’ में विश्वास करती हैं.
मोदी ने आरोप लगाया कि इन पार्टियों को जैसे तैसे सत्ता हथियाने, जनता की धन-संपत्ति को लूटने और शोषण में महारत हासिल है. गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित समुदाय के लोगों के साथ ही महिलाएं इनके शासन में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, क्योंकि ये पार्टियां अपराधी और असामाजिक तत्त्वों को खुली छूट देने का काम करती हैं. उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी गरीबों, शोषितों, वंचितों को मदद की जरूरत पड़ती, वहां डॉ. लोहिया मौजूद होते थे. उन्होंने कृषि को आधुनिक बनाने तथा अन्नदाताओं के सशक्तीकरण को लेकर काफी कुछ लिखा.
मोदी ने कहा कि उनके इन्हीं विचारों के अनुरूप राजग सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि सिंचाई योजना, ई..नाम और अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने डॉ. लोहिया के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है. अगर आज वे होते तो एनडीए सरकार के कार्यों को देखकर निश्चित रूप से उन्हें गर्व की अनुभूति होती.