पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा सुरक्षा के सूचकांक में भारत ने लगायी छलांग
नयी दिल्ली : ऊर्जा सुरक्षा तथा किफायती एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा माध्यमों की उपलब्धता के सूचकांक में भारत को 115 देशों के बीच 76वां स्थान मिला है . देश ने पिछले सूचकांक की तुलना में दो स्थान की छलांग लगायी है. विश्व आर्थिक मंच द्वारा सोमवार को जारी सालाना सूचकांक के नये संस्करण में […]
नयी दिल्ली : ऊर्जा सुरक्षा तथा किफायती एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा माध्यमों की उपलब्धता के सूचकांक में भारत को 115 देशों के बीच 76वां स्थान मिला है . देश ने पिछले सूचकांक की तुलना में दो स्थान की छलांग लगायी है. विश्व आर्थिक मंच द्वारा सोमवार को जारी सालाना सूचकांक के नये संस्करण में स्वीडन इस साल भी शीर्ष पर बना हुआ है. स्वीडन के बाद सूचकांक में दूसरे स्थान पर स्विट्जरलैंड और तीसरे स्थान पर नार्वे है. सूचकांक में कहा गया कि पांच साल पहले की तुलना में दुनिया भर में ऊर्जा माध्यम महंगे हुए हैं और पर्यावरण के लिये अधिक नुकसानदेह हो गये हैं. हालांकि ऊर्जा की उपलब्धता पहले से बेहतर हुई है और अब एक अरब से कम लोग ही ऐसे हैं जिनके पास बिजली की उपलब्धता नहीं है.
विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि भारत उच्च प्रदूषण स्तर वाले देशों में से एक है और ऊर्जा प्रणाली में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर भी अपेक्षाकृत अधिक है. उसने कहा, ‘‘इन सबके बाद भी भारत ने हालिया वर्षों में ऊर्जा की उपलब्धता बेहतर की है और अभी ऊर्जा संक्रमण की दिशा में नियमन एवं राजनीतिक प्रतिबद्धता के मसलों पर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.” उसने कहा कि पुरानी हो चुकी व्यवस्था के बाद भी मौजूदा परिस्थिति आगे के लिये सकारात्मक है क्योंकि भविष्य के बदलाव के अनुरूप प्रणाली पर काम किया जा रहा है.
नये सूचकांक में चीन का स्थान भारत से भी नीचे 82वां है. ब्रिक्स देशों में सूचकांक में भारत से बेहतर सिर्फ ब्राजील की स्थिति है जिसे 46वां स्थान मिला है. हालांकि भारत उन चुनिंदा पांच देशों में से एक है जिसका स्थान पिछले सूचकांक की तुलना में बेहतर हुआ है. विकसित देशों में ब्रिटेन सातवें, सिंगापुर 13वें, जर्मनी 17वें, जापान 18वें और अमेरिका 27वें स्थान पर है. एशियाई देशों में मलेशिया 31वें, श्रीलंका 60वें, बांग्लादेश 90वें और नेपाल 93वें स्थान पर है.