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लौहपुरुष आडवाणी के अटल गढ़ गांधीनगर में शाहनामा, सामने होंगे पूर्व भाजपा सांसद शंकर वाघेला, जानें यहां कब कौन बने सांसद
गुजरात की इस सीट से छह बार लालकृष्ण, एक बार अटल रहे हैं सांसद भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात की गांधीनगर सीट वह शुभंकर है, जहां से जीतने वाले अटल बिहारी वाजपेयी इस दल के पहले प्रधानमंत्री और बाद में लालकृष्ण आडवाणी उपप्रधानमंत्री बने. कांग्रेस में जिस तरह अमेठी और रायबरेली सीट का मान […]
गुजरात की इस सीट से छह बार लालकृष्ण, एक बार अटल रहे हैं सांसद
भारतीय जनता पार्टी के लिए गुजरात की गांधीनगर सीट वह शुभंकर है, जहां से जीतने वाले अटल बिहारी वाजपेयी इस दल के पहले प्रधानमंत्री और बाद में लालकृष्ण आडवाणी उपप्रधानमंत्री बने.
कांग्रेस में जिस तरह अमेठी और रायबरेली सीट का मान है, भाजपा में गांधीनगर और लखनऊ लोकसभा सीट के उम्मीदवार को गौरवपूर्ण गढ़ का वारिस माना जाता है. गुजरात की जिस डगर पर चल कर आडवाणी छह बार लोकसभा पहुंचे, अब उसी गांधीनगर में प्रवेश करते ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की धमक महसूस की जा सकती है.
शाह के यहां से लड़ने की घोषणा मात्र से न सिर्फ गांधीनगर, बल्कि पूरे गुजरात में भाजपाइयों का उत्साह देख कर पार्टी इस कदम का पहला चरण सफल मान रही है. शाह को उतार कर पार्टी राज्य के कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहती थी. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह बढ़त बनायी थी, इसके बाद भाजपा 2014 का करिश्मा दोहराने का दावा दमदारी से नहीं कर पा रही थी. पिछले चुनाव में भाजपा ने 59.05 प्रतिशत वोट शेयर के साथ राज्य की सभी 26 सीटें जीत ली थीं.
1984 के बाद कांग्रेस का खाता यहां बंद हो गया : 1984 के बाद कांग्रेस ने इस सीट से कभी जीत का स्वाद नहीं चखा. दो दशकों से हिंदुत्व की सफल प्रयोगशाला रहे गुजरात में गांधीनगर सीट भाजपा का अभेद्य किला है.
1996 में यहां से जीतने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे. आडवाणी इस सीट से 1991 में पहली बार सांसद बने थे. वर्ष 1989 से भाजपा के कब्जे में रहने वाली इस सीट पर 1998 से आडवाणी लगातार सांसद रहे हैं.
अमित शाह पहली बार लड़ेंगे इस लोकसभा सीट से चुनाव
1989 से भाजपा के कब्जे में है यह सीट.
1996 में यहां से जीतने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे.
1998 से आडवाणी इस सीट पर लगातार सांसद रहे.
1991 में आडवाणी इस सीट से पहली बार सांसद बने थे.
23 साल से अमित शाह इस सीट को भाजपा का अभेद्य किला बनाने में सक्रिय रहे हैं.
आडवाणी को टिकट नहीं मिलने का शिकायत किसी को नहीं
बुजुर्ग नेता आडवाणी की अनदेखी का स्थानीय लोगों में कोई शिकवा नजर नहीं आया. शाह गुजरात के साथ यहां के स्थानीय नेता भी हैं. उनका मानना है कि आडवाणी की लगातार जीत के लिए शाह की गयी निरंतर मेहनत ने 23 साल में इस सीट को भाजपा के लिए अभेद्य किला बना दिया है. शाह गांधीनगर के नजदीक सरखेज से चार बार व गांधीनगर लोस क्षेत्र में आने वाले नारणपुरा से एक बार विधायक रह चुके हैं. शाह का यह भी एक मजबूत पक्ष है. हालांकि देश की जनता नजर रखेगी कि 19.2 लाख मतदाताओं में से कितनों की ‘मेहरबानी’ शाह पर बरसाती है.
कल तक शाह बनाते रणनीति अब शाह के लिए रणनीति
भाजपा इस सीट से इस बार जीत के अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने का दावा कर रही है. इसी बाबत गांधीनगर से अहमदाबाद तक अमित शाह के सबसे बड़े रोड शो की तैयारी है. पहले आडवाणी के लिए अमित शाह रणनीति बनाते थे, अब भाजपा कार्यकर्ता शाह को जिताने के लिए हर घर में पहुंच रहे हैं.
1996 से ही गांधीनगर में संयोजक थे अमित शाह
शाह 1996 से ही इस लोकसभा सीट पर बतौर संयोजक काम कर रहे हैं.
शाह के सामने होंगे पूर्व भाजपा सांसद शंकर सिंह वाघेला !
शाह को चुनौती देने के लिए विरोधियों ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. उनके खिलाफ सबसे बड़ा नाम शंकर सिंह वाघेला का समाने आ रहा है. एनसीपी वाघेला को मैदान में उतारने का मन बना रही है.
हालांकि गुजरात में अभी कांग्रेस और एनसीपी के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. शंकर सिंह वाघेला पहले भी गांधीनगर से सांसद रह चुके हैं. उनके चुनाव लड़ने से मुकाबला जबरदस्त हो जायेगा. 1989 में शंकर सिंह वाघेला भाजपा के टिकट से गांधीनगर से सांसद रह चुके हैं. उनकी जीत के बाद से ही भाजपा का इस सीट पर कब्जा हुआ, जो अब तक बरकरार है. उस समय वाघेला गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष भी थे
.
जीत-हार का अंतर
201442.55%
2009 15.40%
2004 25.68%
1999 25.49%
1998 30.60%
1996 38.74%
1991 20.41%
1989 35.89%
यहां से कब कौन बने सांसद
वर्ष पार्टी सांसद
2014 भाजपा एलके आडवाणी
2009 भाजपा एलके आडवाणी
2004 भाजपा एलके आडवाणी
1999 भाजपा एलके आडवाणी
1998 भाजपा एलके आडवाणी
1996 भाजपा अटल बिहारी वाजपेयी
1991 भाजपा लाल कृष्ण आडवाणी
1989 भाजपा शंकर सिंह वाघेला
1984 कांग्रेस जीआइ पटेल
1980 कांग्रेस अमृत मोहन पटेल
1977 बीएलडी पुरुषोत्तम गणेश मावलंकर
1971 एनसीओ एसएम सोलंकी
1967 कांग्रेस एसएम सोलंकी
नोट : गांधीनगर लोकसभा सीट 1967 में सृजित हुई. 1967 एवं 1971 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी.
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