चेन्नई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की न्यूनतम आमदनी योजना (न्याय) को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा और पांच करोड़ परिवारों को धीरे-धीरे इसके दायरे में लाया जायेगा. चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आय योजना को लेकर अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ पर्याप्त विचार-विमर्श किया है.
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उन्होंने सहमति जतायी है कि भारत के पास इस योजना को लागू करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.8 फीसदी के बराबर रहने की उम्मीद है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि इस योजना को लागू करना संभव है.
चिदंबरम ने कहा कि यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी और हम कई चरणों में पांच करोड़ परिवारों को इससे जोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से पहले जमीनी स्तर पर इसका परीक्षण किया जाना है. चिदंबरम ने कहा कि न्याय योजना को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जायेगी और हम अगले चरण में जाने से पहले समिति के साथ विचार-विमर्श करेंगे.
उन्होंने कहा कि पांच करोड़ परिवारों की पहचान करने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं. चिदंबरम ने कहा कि 2009 में जब मनरेगा योजना लागू की गयी थी, तो भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा था कि इस योजना को लागू करना मुमकिन नहीं है. न्यूनतम आय योजना की आलोचना से जुड़े एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जवाब नहीं देना चाहता हूं, जो गरीबी को खत्म करने के उद्देश्य से लाए जा रहे कार्यक्रम की आलोचना करता हो.
उन्होंने कहा कि गरीबी को नहीं मिटा पाने के लिए अकेले कांग्रेस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. कांग्रेस ने गरीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कई कदम उठाये हैं और उनमें से कई में सफल भी हुई है. चिदंबरम ने कहा कि गरीबी का अंत करने के लिए न्यूनतम आय जरूरी है अन्यथा गरीबी समाप्त नहीं होगी. जिस तरह न्यूनतम मजदूरी अधिनियम न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करता है, उसी तरह हर परिवार की न्यूनतम आय होनी चाहिए. सरकार पूरी आय प्रदान नहीं कर सकती है. इसी वजह से इस योजना को न्यूनतम आय सहायता योजना कहा गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को घोषणा की थी, अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है, तो गरीबों परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72,000 रुपये दिए जायेंगे. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस योजना के क्रियान्वयन में शामिल चुनौतियों से वाकिफ है और हम उन चुनौतियों से बाहर भी आ जायेंगे.
उन्होंने कहा कि हम आग्रह करेंगे कि हर परिवार अपने घर की महिला के नाम से खाता खोले और धन उनके खाते में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. चिदंबरम ने कहा कि गरीबी उन्मूलन को अरम (तमिल में इसका अर्थ-धर्म) के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए, यह धर्म है, 21 वीं सदी में गरीबी दूर करना हर सरकार का नैतिक कर्तव्य है. उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस का घोषणा पत्र 2 अप्रैल को जारी हो सकता है.