नयी दिल्ली : भारत ने पुलवामा हमले में ‘जैश-ए-मोहम्मद’ की संलिप्तता पर अपने दस्तावेजों के प्रति पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर निराशा जाहिर करते हुए गुरुवार को कहा कि इस्लामाबाद सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के मुद्दे पर अब भी लगातार ‘इनकार’ कर रहा है. इस आतंकी हमले में जैश की संलिप्तता और पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के ठिकानों की मौजूदगी पर नयी दिल्ली से और अधिक सूचना एवं सबूत मांगे जाने के एक दिन बाद भारत ने यह कहा है.
इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘पुलवामा में सीमा पार से हुए आतंकी हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता के बारे में हमारे विस्तृत दस्तावेज पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से भारत निराश है.”
उन्होंने कहा, ‘अफसोस की बात है कि पाकिस्तान इनकार किए जा रहा है और यहां तक कि पुलवामा (हमले) को आतंकी हमला मानना से इनकार कर रहा है.’ प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस ‘पहले जैसी पटकथा’ से शायद ही अचंभित होगा, जैसा कि अतीत में भी पाकिस्तान ने यही रूख अपनाया था – चाहे वह 2008 का मुंबई आतंकी हमला हो या 2016 का पठानकोट हमला हो.
गौरतलब है कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि भारतीय दस्तावेज की पड़ताल के बाद ‘पुलवामा घटना’ पर जांच के प्राथमिक नतीजे इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से साझा किया गया. कुमार ने कहा कि पुलवामा हमले पर पाकिस्तान द्वारा सौंपे गए कागजात की भारत पड़ताल कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकवादियों या आतंकी संगठनों के खिलाफ यदि कुछ किया भी है, तो विश्वसनीय कार्रवाई का ब्यौरा साझा नहीं किया है.
उन्होंने कहा, ‘यह जगजाहिर तथ्य है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठन जैश -ए-मोहम्मद और इसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में है. इस बात को हाल ही में पाक विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया के समक्ष स्वीकार किया.‘
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ फौरन, विश्वसनीय, और प्रामाणिक कार्रवाई करनी चाहिए. कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को 2004 में किए उस वादे का पालन करना चाहिए कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिये किसी भी तरह नहीं करने देगा.