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हाथ तो मिले, लेकिन दिल मिले क्या!

-इंटरनेट डेस्क-ध्यान से देखें इस तसवीर को, यह अपने आप में बहुत कुछ कहती है. यह तसवीर आज तब खिंची गयी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर पहुंचे. वे वहां आज उधमपुर से कटरा के बीच शुरू की गयी रेल लाइन का उद्घाटन करने पहुंचे थे. देखें तस्‍वीरें… उनके आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2014 4:48 PM

-इंटरनेट डेस्क-
ध्यान से देखें इस तसवीर को, यह अपने आप में बहुत कुछ कहती है. यह तसवीर आज तब खिंची गयी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर पहुंचे. वे वहां आज उधमपुर से कटरा के बीच शुरू की गयी रेल लाइन का उद्घाटन करने पहुंचे थे.
देखें तस्‍वीरें…

उनके आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्वागत के लिए पहुंचना एक सामान्य शिष्टाचार है. प्रोटोकॉल के अनुसार भी जब किसी प्रदेश की यात्रा पर प्रधानमंत्री जाते हैं, तो वहां के मुख्यमंत्री को स्वागत के लिए जाना ही पड़ता है. अगर इस नजरिये से इस तसवीर को देखें, तो इसमें कोई खास बात नहीं है. लेकिन अगर हम उमर अब्दुल्ला और नरेंद्र मोदी के बीच के रिश्तों को देखें, तो यह तसवीर बहुत कुछ कहती हुई नजर आयेगी.

भाजपा की सरकार धारा 370 की विरोधी है और वह इसे हटाना चाहती है, लेकिन उमर अब्दुल्ला इस धारा की हिमायत करते हैं. इस धारा के समर्थन में उमर ने काफी बयानबाजी की है और ट्वीट भी किया है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि दोनों के बीच संबंध मधुर नहीं हैं. ऐसे में मन में कटुता के साथ कैसे उमर अब्दुल्ला, मोदी के स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे होंगे, यह गौर करने वाली बात है.

राजनीतिक गलियारों में तो यह भी कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी कटुता को जज्ब करने से बचने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. भले ही उन्होंने हार की जिम्मेदारी को बहाना बनाया. ऐसे में मोदी के स्वागत को उमर की दरियादली कहा जाये या फिर मजबूरी. कहीं यह तसवीर वैसे पलों की गवाह तो नहीं, जब दोनों के हाथ तो गर्मजोशी से मिल रहे हैं, लेकिन दिल नहीं.

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