दफ्तर की राजनीति से परेशान हैं, तो पढ़े यह खबर
नयी दिल्ली: क्या आप ऑफिस में हो रही राजनीति से तंग आ चुके है. कई बार जॉब छोड़ने का मन बना चुके है. आपके सहयोगी आपकी बात नहीं सुनते. ऑफिस की राजनीति के कारण आपक करियर ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है. बॉस आपके काम से संतुष्ट नहीं है. तो यह खबर आपके लिए है.अगर […]
नयी दिल्ली: क्या आप ऑफिस में हो रही राजनीति से तंग आ चुके है. कई बार जॉब छोड़ने का मन बना चुके है. आपके सहयोगी आपकी बात नहीं सुनते. ऑफिस की राजनीति के कारण आपक करियर ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है. बॉस आपके काम से संतुष्ट नहीं है. तो यह खबर आपके लिए है.अगर आप अपने करियर के ग्राफ को बढ़ाना चाहते हैं, तो दफ्तर की राजनीति से निपटना बहुत जरुरी है. दफ्तर में फुर्ती दिखाना और कार्यस्थल की राजनीति से निपटना करियर में सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं. एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति में ये गुण नहीं है, तो अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उसके लिए पेशेवर करियर में आगे बढना मुश्किल है.
प्रमुख रोजगार खोज पोर्टल हेडहॉन्कास.काम द्वारा करियर के रास्ते में आने वाली बाधाओं पर मई-जून, 2014 में किए गए सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है. इसमें कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को आगे बढना है, तो उसे दफ्तर में फुर्ती दिखानी होगी.सर्वेक्षण में पेशेवरों का कहना था कि सिर्फ कार्य प्रदर्शन ही जरुरी नहीं है. किसी बदलाव को सकारात्मक रख से लेना और नई वास्तविकताओं पर तेजी से प्रतिक्रिया देना महत्वपूर्ण करियर योग्यताएं हैं.
सर्वेक्षण में शामिल एक तिहाई यानी 34 फीसद पेशेवरों का कहना था कि दफ्तर में कामकाज में चुस्ती फुर्ती का अभाव प्रमुख कारण है जिससे आपका करियर पटरी से उतर सकता है.करीब 31 फीसद पेशेवरों ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में कार्यस्थल की राजनीति से निपटने की क्षमता नहीं है, तो इससे उसके करियर का विकास रक सकता है. वहीं 23 फीसद ने कहा कि विस्तारित भूमिका में आगे बढने की क्षमता का अभाव करियर की एक प्रमुख चिंता है. वहीं 12 प्रतिशत ने कहा कि अहम या मैं को काबू नहीं कर पाने से भी करियर में ठहराव आता है.रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्य प्रदर्शन से ज्यादा जरुरी बदलाव को अपनाना, नए कौशल तथा नित सीखने की क्षमता करियर के लिए महत्वपूर्ण हैं. आज ऑफिस में काम करने का तरीका बदल चुका है. बहुत सारे लोग कम काम करने के बाद भी अपनी राजनीति और चाटुकारिता के दम पर आगे निकल जाते हैं. पर आज हार्ड वर्क की जगह स्मार्ट वर्क ने ले ली है.