तेलंगाना : भाजपा के लिए इकलौती सीट बचाने की चुनौती, किशन रेड्डी है मैदान में
सिकंदराबाद : तेलंगाना में हुए हाल के विधानसभा चुनाव में एक निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भाजपा को अपनी एकमात्र लोकसभा सीट बचाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, भाजपा की उम्मीदें प्रधानमंत्री मोदी के करिश्मे पर टिकी हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे जीत के प्रति आश्वस्त […]
सिकंदराबाद : तेलंगाना में हुए हाल के विधानसभा चुनाव में एक निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भाजपा को अपनी एकमात्र लोकसभा सीट बचाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, भाजपा की उम्मीदें प्रधानमंत्री मोदी के करिश्मे पर टिकी हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे जीत के प्रति आश्वस्त हैं. सिकंदराबाद लोकसभा संसदीय सीट पर भाजपा को 2014 में 33.62 प्रतिशत वोट मिले थे.
इस बार यह सीट सभी तीनों मुख्य पार्टियों भाजपा, कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति) के लिए प्रमुख चुनावी रण बन गयी है. एक-एक वोट सुनिश्चित करने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोनों इस उम्मीद के साथ राज्य में पार्टी की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए शुक्रवार से रैलियां आयोजित करेंगे कि दक्षिण भारत में यह सीट पार्टी के लिए प्रवेश द्वार होगी.
भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और यहां से वर्तमान सांसद बंगारू दत्तात्रेय के स्थान पर जी किशन रेड्डी को मैदान में उतारा है. किशन रेड्डी भाजपा राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और तीन बार के विधायक हैं. वे हर कीमत पर सीट जीतने का प्रयास कर रहे हैं.
दत्तात्रेय इस सीट से 1991 से चुनाव लड़ रहे थे. हालांकि उन्हें 2004 और 2009 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने 2014 में कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी को 2,54,735 मतों से शिकस्त दी थी. उन्हें केंद्र में श्रम और रोजगार राज्यमंत्री बनाया गया था लेकिन सितंबर 2017 में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. किशन रेड्डी इस सीट के लिए बाहरी माने जाते हैं. उन्हें 2018 में अंबरपेट विधानसभा सीट से टीआरएस के प्रत्याशी से मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
भाजपा से किशन रेड्डी मैदान में
2014 में भाजपा का वोट प्रतिशत 33.62
2014 में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी को 2,54,735 मतों से हराया तेलंगाना में