चेन्नई/वेल्लोर : चुनाव में अघोषित धन के इस्तेमाल के संदेह में आयकर अधिकारियों ने शनिवार को द्रमुक के वरिष्ठ नेता दुरईमुरुगन के वेल्लोर जिले के कटपदी स्थित घर पर छापेमारी की. इस दौरान 10 लाख रुपये की कथित ‘अतिरिक्त’ नगदी बरामद की गयी. यहां तब हंगामा खड़ा हो गया, जब द्रमुक के कानूनी प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों द्वारा कर विभाग की चुनाव निगरानी एवं जिले के स्थैतिक निगरानी व उड़न दस्तों को वारंट के बिना तलाशी की अनुमति देने से इनकार कर दिया. इसके बाद आयकर के वरिष्ठ अधिकारियों ने वारंट के साथ छापेमारी की.
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आयकर विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि दुरईमुरुगन के घर पर छापेमारी की गयी. वार्ड नंबर लिखे हुए प्रिंट आउट भी वहां से मिले, लेकिन मुख्य व्यक्ति ने इन्हें बेकार बताया और आगे की पूछताछ जारी है. सूत्रों ने बताया कि 19 लाख रुपये की नकदी बरामद की गयी है. चुनावी हलफनामे में नकदी की घोषणा की इजाजत के बाद करीब 10 लाख रुपये की अतिरिक्त नगदी को जब्त कर लिया गया.
दुरईमुरुगन ने कहा कि हमने कुछ नहीं छुपाया है. साथ ही, उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य टैक्स का भुगतान करते हैं. उन्होंने 10 लाख रुपये जब्त किये जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि नकद रखना आम बात है. द्रमुक ने दुरईमुरुगन के बेटे डीएम काठिर आनंद को लोकसभा चुनाव में वेल्लोर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. दुरईमुरुगन ने आरोप लगाया है कि यह छापेमारी कुछ नेताओं की राजनीतिक ‘साजिश’ है. द्रमुक नेता छापेमारी के समय पर सवाल कर रहे हैं.
कर्नाटक में 15-20 स्थानों पर गुरुवार तड़के कर अधिकारियों ने बेंगलुरु, मांड्या, मैसूर, हासन, रामनगर और शिवमोगा में छापेमारी की. कर्नाटक के लघु सिंचाई मंत्री सीएस पुट्टाराजू और उनके भतीजे और पीडब्ल्यूडी मंत्री एचडी रेवन्ना के करीबी सहयोगी उन लोगों में शामिल हैं, जिनके घर पर छापे मारे गये. इसके बाद, कांग्रेस और जद (एस) के नेताओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में छापे के खिलाफ बेंगलुरु में प्रदर्शन किया.
उधर, द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने छापेमारी की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यदि इसका उद्देश्य धन के वितरण पर रोक लगाना है, तो आम चुनावों के मद्देनजर आयकर, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसे विभागों को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अधीन लाया जाये.