अमेठी के साथ-साथ वायनाड से भी चुनाव लड़ेंगे राहुल, सीपीएम गरम, कहा- हम हराएंगे कांग्रेस अध्‍यक्ष को

नयी दिल्ली : क्या भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी अमेठी में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर भारी पड़ रहीं हैं ? यह सवाल इसलिए सभी के मन में उठ रहे हैं क्योंकि रविवार को कांग्रेस ने ऐलान किया है कि राहुल गांधी इस बार दो जगह से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2019 11:32 AM

नयी दिल्ली : क्या भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी अमेठी में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर भारी पड़ रहीं हैं ? यह सवाल इसलिए सभी के मन में उठ रहे हैं क्योंकि रविवार को कांग्रेस ने ऐलान किया है कि राहुल गांधी इस बार दो जगह से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अपने पारंपरिक गढ़ अमेठी के अलावा केरल की वायनाड संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ेंगे.

इस खबर के बाद सीपीएम ने राहुल गांधी के वायनाड लोकसभा से चुनाव लड़ने को भाजपा को 2019 में सत्ता से रोकने के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता के खिलाफ बताया है. सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि वायनाड सीट से राहुल गांधी को मैदान में उतारने का मतलब साफ है कि कांग्रेस की प्राथमिकता अब केरल में वामपंथ के खिलाफ लड़ना है. एक तरफ कांग्रेस के लोग भाजपा को 2019 में सत्ता से रोकने के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हैं, दूसरी तरफ वायनाड सीट से राहुल मैदान में हैं.

करात ने दो टूक कहा कि वह कांग्रेस के मंसूबे को केरल में कामयाब नहीं होने देंगे. सीपीएम नेता ने कहा कि हम कांग्रेस के इस कदम का कड़ा विरोध करेंगे और इस सीट पर राहुल गांधी की हार को सुनिश्चित करेंगे. इधर, केरल के सीएम पी.विजयन ने भी राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर भी प्रतिक्रिया दी है. विजयन ने कहा कि वह केरल में लोकसभा की 20 सीटों में से एक सीट पर लड़ रहे हैं. इसे किसी और रूप में देखने की जरूरत नहीं है. हम उनसे लड़ेंगे. उन्हें एक ऐसी सीट से लड़ना चाहिए था, जहां भाजपा का कोई प्रत्याशी मैदान में हो. यह और कुछ नहीं बल्कि सीधे लेफ्ट से लड़ाई है.

आपको बता दें कि केरल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि गांधी ने प्रदेश इकाई के अनुरोध के बाद वायनाड से लड़ने पर सहमति जतायी है. एंटनी ने कहा कि राहुल गांधी केरल की वायनाड संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे.

इस फैसले को कांग्रेस की तरफ से दक्षिण भारत, खासकर केरल में अपने जनाधार को मजबूत करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.

कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह दक्षिणी राज्यों को एक संदेश है कि वे अत्यंत सम्मानित हैं एवं उन्हें बेहद मूल्यवान माना जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह अमेठी का प्रतिनिधित्व करेंगे लेकिन वह दक्षिणी राज्यों का भी प्रतिनिधित्व करेंगे क्योंकि वे भारतीय जनजीवन का अहम हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा है कि अमेठी उनकी ‘कर्मभूमि’ है और वह उसे कभी नहीं छोड़ेंगे. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की प्रदेश इकाइयों ने ऐसे वक्त में उनसे दक्षिण भारत से लड़ने का आग्रह किया है जब “मोदी सरकार की तरफ से भाषा एवं संस्कृति पर हमले हो रहे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “यह दक्षिण भारत की आकांक्षाओं के समर्थन की लड़ाई है. यह उन ताकतों को करारा जवाब देने की लड़ाई है जो संस्कृतियों, भाषाओं एवं जीवनशैली के साथ ही उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच गहरे संपर्क पर हमला करते हैं. सुरजेवाला ने कहा कि अमेठी के लोग इस तथ्य पर भरोसा करते हैं कि राहुल गांधी के वहां रहने से वे सुरक्षित हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का काम षड्यंत्र रचने का है जबकि हमारा कार्य निर्माण का है.”

कांग्रेस नेता एंटनी ने कहा कि वायनाड केरल में स्थित है लेकिन वह तमिलनाडु और कर्नाटक से भी घिरा हुआ है. उन्होंने कहा, “एक तरीके से यह तीनों दक्षिणी राज्यों के अनुरोध को संतुष्ट करेगा.” एंटनी ने कहा कि इन तीनों राज्यों की तरफ से राहुल से कई आग्रह किए गए. उन्होंने कहा, “इसलिए वायनाड पर विचार के सबसे बड़े कारणों में से एक यह था कि यह तीन दक्षिणी राज्यों का त्रिकोणीय जंक्शन है.” पिछले कुछ हफ्तों से कांग्रेस के कई नेता एवं कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष से दक्षिण की किसी सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह कर रहे थे और उन्होंने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया.

इधर , राहुल गांधी के दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि अच्छा हुआ, इससे अमेठी की जनता को निर्णय लेना और भी आसान हो गया. जनता नामदार को नहीं कामदार को चुनेगी. अमेठी साबित करेगी कि अब भारत में सिर्फ ‘Politics of Performance’ ही चल सकती है.’

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