नामांकन के 24 घंटे में उम्मीदवारों को वेब पर डालना होगा हलफनामा, नहीं तो होगी कार्रवाई
नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य निर्वाचन कार्यालयों को लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल होने के 24 घंटे के भीतर उनके हलफनामे व अन्य दस्तावेज ‘ऑनलाइन अपलोड करने को कहा है. आयोग ने साफ किया है कि इसका पालन नहीं होने पर संबद्ध अधिकारियों को कार्रवाई का भी सामना […]
नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य निर्वाचन कार्यालयों को लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल होने के 24 घंटे के भीतर उनके हलफनामे व अन्य दस्तावेज ‘ऑनलाइन अपलोड करने को कहा है.
आयोग ने साफ किया है कि इसका पालन नहीं होने पर संबद्ध अधिकारियों को कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है. आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्चाचन अधिकारियों (सीईओ) को जारी निर्देश में कहा है कि प्रत्येक उम्मीदवार का नामांकन पत्र दखिल होने के बाद निर्वाचन अधिकारी को उसके हलफनामे सहित अन्य दस्तावेज यथाशीघ्र वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे.
आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि हलफनामे अपलोड करने में 24 घंटे से अधिक विलंब नहीं होना चाहिये. आयोग के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि उम्मीदवारों के लिये शुरू किये गये ‘सुविधा एप्लीकेशन’ के माध्यम से हलफनामे सहित नामांकन संबंधी अन्य दस्तावेज सार्वजनिक करने की नयी व्यवस्था लागू की है. इसका मकसद निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुये उम्मीदवारों के हलफनामे वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक करने की प्रक्रिया में होने वाली देरी से बचना है.
आयोग की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई के निदेशक डा. कुशल पाठक द्वारा जारी दिशानिर्देश के मुताबिक सुविधा एप्लीकेशन को राज्य निर्वाचन कार्यालयों और आयोग की वेबसाइट से जोड़ा है. जिससे किसी भी लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के दस्तावेजों को सुविधा एप्लीकेशन द्वारा संबद्ध राज्य के निर्वाचन कार्यालय और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर तत्काल प्रभाव से अपलोड किया जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि आयोग ने सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले मतदान से पहले यह व्यवस्था लागू की है. इसे सुचारु बनाये रखने और उम्मीदवारों के नामांकन दस्तावेजों को सार्वजनिक किये जाने में विलंब से बचाने की जिम्मेदारी आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी को सुपुर्द की है.
उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ अपनी और परिवार की संपत्ति, आय एवं आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी हलफनामे के रूप में देनी होती है. निर्देश में कहा गया है कि दस्तावेज अपलोड करने की जिम्मेदारी नामांकन कराने वाले निर्वाचन अधिकारी की होगी, जबकि जिला निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि निर्धारित समयसीमा में दस्तावेज अपलोड किये गये या नहीं.
इतना ही नहीं, आयोग ने ताजा निर्देश में दस्तावेज अपलोड करने की प्रक्रिया भी तय कर दी है. इसके तहत निर्वाचन अधिकारी को सभी दस्तावेज स्कैन कर पीडीएफ फार्मेट में तत्काल सुविधा एप्लीकेशन पर अपलोड करना होगा.
हलफनामे अपलोड करने के लिये आयोग की मुख्य वेबसाइट से संलग्न करते हुये एक अलग पोर्टल भी बनाया गया है. आयोग ने राज्यों के सीईओ को इस व्यवस्था के बारे में जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को तत्काल अवगत कराने का निर्देश दिया है. आयोग ने कहा है कि इस व्यवस्था का पालन नहीं होने पर इसे गंभीरता लिया जायेगा.